कैंसर के बाद संबंध बनाने में होता था भयानक दर्द, शर्मिंदगी का भी करना पड़ा सामना, महिला ने बयां की भयावह सच्चाई
कैंसर के बाद सेक्स लाइफ कितनी भयावह हो जाती है, इसका मैनचेस्टर में रहने वाली एक महिला की कहानी सुनकर अंदाजा लगाया जा सकता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क।कैंसर के बाद सेक्स लाइफ (Sex Life After Cancer) कितनी भयावह हो जाती है, इसका मैनचेस्टर में रहने वाली एक महिला की कहानी सुनकर अंदाजा लगाया जा सकता है. केट विल्डे (Cait Wilde) नामक इस महिला को एक प्रकार का ब्लड कैंसर (Blood Cancer) था, जिसे मेडिकल भाषा में एक्यूट माइलॉयड ल्यूकेमिया कहा जाता है. कैंसर से पहले केट की सेक्स लाइफ बहुत अच्छी थी, लेकिन कीमोथैरेपी के दौरान डॉक्टर्स ने बताया कि सेक्स उनके लिए अब घातक हो सकता है.
17 साल में हो गई थीं शिकार
मैनचेस्टर की केट विल्डे उस वक्त सिर्फ 17 साल की थीं, जब उन्हें इस बीमारी के बारे में पता चला. शुरुआत में उन्हें अपनी सेक्स लाइफ की कोई चिंता नहीं थी, लेकिन इलाज के बाद जब उन्होंने शारीरिक संबंध बनाना चाहा तो दर्द, बेचैनी और शर्मिंदगी से उनका सामना हुआ. केट नहीं जानती थीं कि इस स्थिति से निकलने में अब कौन उनकी मदद करेगा.
काफी कम हो गई थीं प्लेटलेट्स
इलाज की वजह से केट की प्लेटलेट्स कम हो गई थी. कम प्लेटलेट्स का मतलब होता है शरीर पर एक छोटा सा कट या त्वचा के फटने पर भी खून तेजी से बहने लगता है. ऐसा अक्सर सेक्स के दौरान भी हो जाता है. केट एक बुरे दौर से गुजर रही थीं. अपनी बीमारी और इलाज के दौरान उन्हें कई गंभीर साइड इफेक्ट्स का भी सामना करना पड़ा. उनके बाल झड़ने लगे, वजन में उतार-चढ़ाव और हड्डियों में दर्द रहता था.
इस वजह से हुई परेशानी
केट ने बताया कि कीमोथैरेपी के दौरान सेक्स में उसकी दिलचस्पी खत्म हो चुकी थी, लेकिन बोन मैरो ट्रांसप्लांट के बाद कुछ फीलिंग्स अचानक वापस लौटने लगीं. वो अब फिर से अपनी सेक्स लाइफ शुरू करना चाहती थीं. केट को उस वक्त मालूम नहीं था, लेकिन कीमोथैरेपी और रेडियोथैरेपी का इलाज उसकी शरीर के केमिकल मीनोपॉज में चले जाने का कारण बन गया था. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, वेजाइनल एट्रॉफी मीनोपॉज के संभावित लक्षणों में से एक है जिसमें वेजाइना ड्राय और कमजोर पड़ जाती है. इससे सेक्सुअल एक्टिविटी काफी मुश्किल हो जाती है. हालांकि, इस बारे में केट को किसी ने नहीं बताया था.
शर्मिंदगी का भी करना पड़ा सामना
केट ने कहा, 'मैंने फिर से किसी को डेट करने के बारे में सोचना शुरू कर दिया था, लेकिन खराब अनुभव के चलते मेरा आत्मविश्वास खो चुका था. मेरे लिए किसी को ये समझाना मुश्किल हो गया था कि मैं रिलेशनशिप में आना चाहती हूं, लेकिन सेक्स नहीं कर सकती. इसके चलते मैं काफी शर्मिंदगी झेल रही थी'. केट इतनी शर्मिंदगी महसूस कर रही थीं कि उन्होंने लंबे समय तक इसके बारे में किसी से बात नहीं की. आखिरकार उन्हें पता चला कि ट्रांसप्लांट क्लीनिक में एक नर्स ने महिलाओं की सेहत के लिए कुछ नई शुरुआत की है, जहां उन्हें मदद मिली. केट ने कहा, 'यहां आने के बाद मेरे अंदर काफी विश्वास पैदा हुआ. मुझे फिर से सब कुछ हासिल करना पड़ा'.
हर साल 2,400 को होता है कैंसर
मैकमिलन कैंसर सपोर्ट की स्टडी के अनुसार, कैंसर से पीड़ित लगभग 46 फीसदी युवाओं का कहना है कि यह बीमारी उनकी सेक्स लाइफ पर बुरा असर डालती है. जबकि सभी आयु वर्ग में इसकी औसत हिस्सेदारी 37 फीसद है. वहीं, 'कैंसर रिसर्च यूके' के आंकड़ों के मुताबिक, 15-24 साल की आयु के तकरीबन 2,400 लोग हर साल कैंसर की बीमारी का शिकार होते हैं