महासागर में बना एक QUAD ग्रुप, चीन को घेरने की तैयारी में हिंद-प्रशांत?

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल 9 मार्च को मालदीव पहुंचे जहां वह कोलंबो सिक्यूरिटी कॉन्क्लेव में भाग ले रहे हैं।

Update: 2022-03-10 05:25 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल 9 मार्च को मालदीव पहुंचे जहां वह कोलंबो सिक्यूरिटी कॉन्क्लेव (CSC) में भाग ले रहे हैं। मालदीव, श्रीलंका और भारत इस ग्रुप से जुड़े हुए हैं। अबकी इस ग्रुप में मॉरीशस को भी जोड़ा गया है। ऐसे में हिंद महासागर में भी एक क्वाड ग्रुप बन गया है। मालदीव, श्रीलंका, मॉरीशस और भारत एक साथ आए हैं।

बता दें कि कोलंबो सिक्यूरिटी कॉन्क्लेव की बैठकों में बांग्लादेश, सेशेल्स और मॉरीशस जैसे देश कई बार पर्यवेक्षकों की भूमिका में नजर आ चुके थे। अबकी मॉरीशस को ग्रुप का हिस्सा बनाया गया है और बांग्लादेश और सेशेल्स पर्यवेक्षकों की भूमिका में थे।
भारत में होगी अगली बैठक
CSC की चौथी बैठक 28 नवंबर 2020 को कोलंबो में हुई थी जहां भारत, श्रीलंका और मालदीव समूह के दायरे और सदस्यता का विस्तार करने पर सहमत हुए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक कॉन्क्लेव की अगली बैठक भारत में डिप्टी एनएसए स्तर पर होने वाली है।
क्या है कोलंबो सिक्यूरिटी कॉन्क्लेव?
भारत, श्रीलंका और मालदीव ने मिलकर 2011 में इसकी शुरुआत की थी। इस कॉन्क्लेव का मकसद हिंद महासागर के तीनों देशों के बीच समुद्री और सुरक्षा मामलों पर घनिष्ठ सहयोग बनाना था। रिपोर्ट्स की मानें तो श्रीलंका के मौजूदा राष्ट्रपति गोताबाया राजपक्षे 2011 में जब देश के रक्षा मंत्री थे तो उन्होंने इस कॉन्क्लेव को शुरू करने में बहुत दिलचस्पी दिखाई थी।
भारत के लिए इस कॉन्क्लेव का महत्व?
भारत के लिए मालदीव, मॉरीशस और श्रीलंका जैसे देश जियो स्ट्रेटजी के हिसाब से बेहद अहम हैं। पिछले कुछ सालों में हिंद महासागर और इस क्षेत्र के देशों में बढ़ते चीनी असर को देखते हुए भारत के लिए हिंद महासागर की अहमियत बढ़ गई है।
इस साल की शुरुआत इस तरह की रिपोर्ट्स आई थी कि चीन ने श्रीलंका के उत्तरी प्रांत में विकास परियोजनओं पर काम कर रहा है। यह प्रोजेक्ट भारत की दक्षिणी सीमा के बेहद पास थी। ऐसे में भारत ने श्रीलंका से अपनी चिंता साझा की थी और फिलहाल के लिए इस प्रोजेक्ट को टाल दिया गया है।
ग्रुप में और भी देश होंगे शामिल?
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि मॉरीशस के बाद इस ग्रुप में बांग्लादेश और सेशेल्स जैसे देश जल्द ही नए सदस्य बन सकते हैं। यह इस बात का संकेत है कि भारत हिंद महासागर के देशों के बेहतर संबंध बनाना चाहता है और संबंधों को और गहरा करना चाहता है।
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