OMG! 40000 साल से ज्यादा की जेल की सजा होगी? जानें क्या है पूरा माजरा

Update: 2022-09-03 11:27 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान

नई दिल्ली: क्रिप्टोकरेंसी के चर्चा में आते ही इससे जुड़े स्कैम भी शुरू हो गए और ढेरों यूजर्स इनका शिकार बन चुके हैं। ऐसे स्कैम करने वालों को कितनी सजा मिल सकती है, यह जानकर शायद आप हैरान रह जाएं। तुर्की में गिरफ्तार किए गए एक क्रिप्टो स्कैमर को 40,000 साल से ज्यादा की जेल की सजा सुनाई जा सकती है। फारुक फतेह ओजन नाम के इस क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज फाउंडर को बीते दिनों गिरफ्तार किया गया है।
डिजिटल ट्रेंड्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि फारुक फतेह ओजर ने साल 2017 में थोडेक्स (Thodex) नाम से तुर्की क्रिप्टो एक्सचेंज कंपनी की शुरुआत की थी। फारुक दो अरब डॉलर (करीब 159.4 अरब रुपये) से ज्यादा की रकम के साथ स्कैम करके पिछले एक साल से ज्यादा वक्त से फरार था। रिपोर्ट की मानें तो इसके लिए उसे 40,564 साल तक जेल की सजा सुनाई जा सकती है।
थोडेक्स क्रिप्टो एक्सचेंज कंपनी में निवेश करने वालों की संख्या सात लाख के करीब बताई जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्की की करेंसी में आ रही गिरावट के चलते ढेरों नागरिकों ने क्रिप्टो में निवेश किया, जिसका फायदा थोडेक्स को मिला। शुरुआत के कुछ साल बाद ही यह कंपनी सारी रकम के साथ गायब हो गई और इसने अपने क्रिप्टो से जुड़े सभी काम रोक दिए, जिसके बाद कानूनी एजेंसियों ने इसपर नकेल कसने की शुरुआत की।
साल 2021 में थोडेक्स ने अचानक क्रिप्टो ट्रेडिंग बंद कर दी और दावा किया कि एक बाहरी निवेश के चलते उसे करीब पांच दिन के लिए काम बंद करना पड़ा। इसके बाद फारुक ने दावा किया कि कंपनी को पूरी तरह ट्रेडिंग बंद करनी होगी और साइबर अटैक से जुड़े खतरों को इसकी वजह बताया। उन्होंने दावा किया कि यूजर्स के फंड्स सुरक्षित रहेंगे, लेकिन ना सिर्फ यूजर्स से उनका अकाउंट ऐक्सेस ले लिया गया, बल्कि उनके फंड्स भी गायब कर दिए गए।
तुर्की पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कंपनी के कई कर्मचारियों को हिरासत में लिया था, लेकिन फारुक भागकर अलबेनिया में छुप गया था। आरोप था कि वह अपने निवेशकों और यूजर्स के फंड्स से दो अरब डॉलर की रकम लेकर भागा है। करीब एक साल बाद बीते दिनों उसे अलबेनिया के वलोर शहर से गिरफ्तार किया गया है और उसकी पहचान की पुष्टि हुई है। थोडेक्स के दूसरे कर्मचारियों के साथ उसके खिलाफ चल रहे मामलों पर भी अब तुर्की में सुनवाई होगी।
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