RCB से जुड़ते ही बुरी तरह ट्रोल हुए यश दयाल

Update: 2024-05-20 07:42 GMT
नई दिल्ली। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरु ने सीएसके को 17 रन से हराकर आईपीएल 2024 के प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई किया। आरसीबी की टीम को प्लेऑफ में पहुंचाने में टीम के स्टार गेंदबाज यश दयाल का अहम हाथ रहा, जिन्होंने मैच में शानदार गेंदबाजी की। यश दयाल ने आखिरी ओवर में सीएसके को प्लेऑफ में पहुंचने से रोका और 6 गेंद में केवल 7 रन देकर एक विकेट चटकाया।
वो विकेट किसी और का नहीं, बल्कि सीएसके के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का ही रहा। उनके इस प्रदर्शन से खुश होकर आरसीबी टीम के कप्तान फाफ डूप्लेसी ने भी अपना प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड यश दयाल को समर्पित किया। सीएसके के खिलाफ मैच के बाद यश दयाल ने एक बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि जब आरसीबी की टीम ने अपने खेमे में शामिल किया था तो उन्हें सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल होने पड़ा था। आइए जानते है यश दयाल के ट्रोल होने की कहानी।
RCB से जुड़ते ही बुरी तरह ट्रोल हुए थे Yash Dayal
दरअसल ,सीएसके के खिलाफ खेले गए मैच के बाद आरसीबी के गेंदबाज यश दयाल (Yash Dayal) ने कहा कि जब आरसीबी ने उन्हें चुना था तो उन्हें काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था।
सोशल मीडिया पर यूजर्स ने उन्हें टीम में जगह देने को लेकर काफी सवाल उठाए थे। मेरा माइंडसेट ये था कि मुझे लोगों को गलत नहीं ठहराना, बल्कि मुझे खुद को सही साबित करना है। आरसीबी ने मुझे पहले दिन से कहा था कि मैं उनके लिए अहम प्लेयर हूं। उन्होंने हर समय मुझे बैक किया और अब इसका नतीजा हर कोई देख ही रहा है। ये सभी प्रदर्शन आरसीबी के लगातार मुझ पर यकीन करने की वजह से है।
यश दयाल ने सीएसके बनाम आरसीबी के मैच को लेकर रिवील किया कि उन्हें आखिरी ओवर में गेंदबाजी कराने का पहले से कोई प्लान नहीं था, लेकिन ये प्लान फाफ डूप्लेसी और दिनेश कार्तिक की बातचीत के बाद लिया गया। इस दौरान यश दयाल ने ये भी बताया कि आखिरी ओवर में गेंदबाजी करने को लेकर वह नवर्स थे, क्योंकि इससे पहले पिछले साल रिंकू सिंह ने उन्हें आखिरी ओवर में लगातार 5 छक्के मारे थे।
यश दयाल ने आगे कहा कि 2023 में केकेआर के खिलाफ जो मेरे साथ हुआ था, उसकी वजह से मैं काफी घबराया हुआ था। जब मेरी पहली गेंद पर मैंने एक शॉट जड़ते हुए देखा तो मैं पिछले साल का पल याद करने लगा, लेकिन मैंने अतीत में भी अच्छा किया है और उसके बाद भी मैंने अच्छा किया। मेरे दिमाग में बस ये चल रहा था कि कैसे मैं अच्छी गेंद फेंकू। मैं स्कोरबोर्ड पर ध्यान नहीं दे रहा था, मेरा मकसद केवल अच्छी गेंद डालना था। मैं काफी कॉन्फिडेंट था।
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