जब PCB ने की बीसीसीआई की शिकायत, तब सलमान खुर्शीद की गवाही बनी थी गेमचेंजर, जानें कैसे

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Update: 2022-04-11 13:12 GMT

नई दिल्ली: पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक और बीसीसीआई की COA का हिस्सा रहे विनोद राय द्वारा हाल ही में लिखी गई किताब से कई बातें सामने आई हैं. विनोद राय की किताब Not just a Night Watchman: My innings in the BCCI अनिल कुंबले-विराट कोहली के बीच विवाद को लेकर सुर्खियां बटोर रही थी, लेकिन अब इसी में एक और दिलचस्प कहानी सामने आई है जो भारत और पाकिस्तान क्रिकेट से जुड़ी है.

भारत और पाकिस्तान (India-Pakistan) के बीच लंबे वक्त से कोई द्विपक्षीय सीरीज़ नहीं हुई है, लेकिन 2014-15 में वक्त ऐसा आया था जब लगभग द्विपक्षीय सीरीज़ का रास्ता साफ हो गया था और चीज़ें बिल्कुल अंतिम मोड़ पर थीं. हालांकि, दोनों देशों के राजनीतिक संबंधों ने इसमें फिर अड़चन डाली और प्लान रद्द हो गया.
विनोद राय ने अपनी किताब में इस पूरे वाकये को लिखा है. जिसमें कांग्रेस नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद भी अहम भूमिका में रहे थे. किताब में बताया गया है कि साल 2014 में बीसीसीआई द्वारा एक तीन बड़ी टीमों के बीच एक साझा टूर्नामेंट की शुरुआत करना चाह रही थी, ताकि रेवेन्यू को बढ़ाया जा सके. इस प्लान में पाकिस्तान भी शामिल था, ऐसे में इसे लागू करने से पहले बीसीसीआई पाकिस्तान के साथ एक द्विपक्षीय सीरीज़ के लिए राजी हो रहा था.
साल 2015 से 2023 के शेड्यूल में द्विपक्षीय सीरीज़ को फिट करने की कोशिश थी, लेकिन उसी बीच भारत-पाकिस्तान के बॉर्डर पर हालात बिगड़े और चीज़ें पूरी तरह से बदल गईं. एक साल के लिए इस मोर्चे पर कुछ एक्शन नहीं हुआ और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड इंतज़ार करता रहा. श्रीलंका में सीरीज़ खेलने की बात भी हुई, लेकिन बीसीसीआई को इसके लिए सरकार की मंजूरी की जरूरत थी. बीसीसीआई ने सरकार को जो ई-मेल भेजा, उसपर जवाब नहीं आया.
जब पीसीबी ने की बीसीसीआई की शिकायत
इस पूरे वाकये के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने बीसीसीआई की शिकायत आईसीसी में की. जिसके बाद बीसीसीआई इस पूरे मामले में कानूनी रूप से एक्टिव हुआ और अपनी लीगल टीम को काम पर लगाया. इसमें अमरचंद मंगलदास, करिना कृपलानी, इंद्रानिल देशमुख जैसे लोग शामिल थे. वकीलों से इतर गवाहों का भी इसमें बड़ा रोल था, जिसमें तब के आईसीसी सीओओ सुंदर रमन, रत्नाकर शेट्टी, शशांक मनोहर, संजय पटेल जैसे लोग शामिल थे.
लेकिन खास बात यह थी कि बीसीसीआई ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद को बतौर गवाह साथ जोड़ा. सलमान खुर्शीद विदेश मंत्री रह चुके थे, सरकार में काम करने का अनुभव था ऐसे में बीसीसीआई को उनको साथ लेना फायदेमंद रहा. क्योंकि भारत में पाकिस्तान के खिलाफ होने वाली किसी द्विपक्षीय सीरीज़ में सरकार से परमिशन लेना कितना अहम होता है, वह इसे समझाने में कामयाब रहे.
सलमान खुर्शीद की गवाही ने बीसीसीआई के केस में वजन डाला और आईसीसी ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाया. आईसीसी ने अपने फैसले में पाकिस्तान द्वारा दाखिल की गई अपील को खारिज कर दिया. पैनल ने भारत-पाकिस्तान के राजनीतिक रिश्तों का ख्याल रखा और फैसले में पाकिस्तानी समर्थित आतंकी संगठनों द्वारा जम्मू-कश्मीर में किए गए हमलों का भी ज़िक्र किया.
बता दें कि इसी बीच हाल ही में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष रमीज राजा ने आईसीसी के सामने एक चार देशों की सीरीज़ का प्रस्ताव दिया था, जिसमें भारत-पाकिस्तान-इंग्लैंड-ऑस्ट्रेलिया के खेलने की बात थी. हालांकि, आईसीसी ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और रमीज राजा का प्लान पूरी तरह चौपट हो गया. 
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