IND vs WI: हार्दिक पांड्या ने करियर संवारने का श्रेय धोनी को दिया

ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या यूएई में हुए टी20 वर्ल्ड में आखिरी बार टीम इंडिया का हिस्सा रहे थे

Update: 2022-01-26 16:52 GMT

ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या यूएई में हुए टी20 वर्ल्ड में आखिरी बार टीम इंडिया का हिस्सा रहे थे, जिसके बाद से ये खिलाड़ी टीम में वापसी के लिए अपनी फिटनेस पर काफी ध्यान दे रहा है। 28 साल के हार्दिक को पीठ की चोट के कारण कुछ समय के लिए गेंदबाजी छोड़नी पड़ी थी। पीठ की समस्या से जूझ रहे पांड्या की मुश्किलें तब और बढ़ गईं, जब टी20 वर्ल्ड कप में उन्हें कंधे की चोट का सामना करना पड़ा।

हार्दिक के चोटिल होने से वेंकटेश अय्यर को कई मौके मिले। लेकिन वह भी कुछ ज्यादा कमाल नहीं दिखा सके हैं। जबकि पांड्या पूरी तरह से फिटनेस हासिल करने के लिए कड़ी रिहैबिलिटेशन प्रक्रिया से गुजर रहे। बड़ौदा के क्रिकेटर को अब इंडियन प्रीमियर लीग के 2022 सीजन में एक्शन में देखा जा सकता है, क्योंकि उन्हें हाल ही में अहमदाबाद फ्रेंचाइजी ने अपना कप्तान घोषित किया है।
पंड्या फिट होने पर बल्ले और गेंद दोनों के साथ एक बेहतरीन विकल्प थे। हार्दिक पांड्या ने बोरिया मजूमदार के साथ एक शो के दौरान अपने बेहतरीन ऑलराउंडर करियर को सही रास्ते पर लाने के लिए भारत के पूर्व कप्तान एमएस धोनी को श्रेय दिया है।
उन्होंने कहा, ''मैंने सभी से बहुत कुछ सीखा है और विशेष रूप से माही भाई से क्योंकि जब मैं वहां (भारतीय टीम) गया था, तो मैं कच्चा माल (रॉ मैटेरियल) था। उन्होंने जिस तरह से मुझे तैयार किया, जिस तरह से उन्होंने मुझे बहुत आजादी दी। वह चाहते थे कि मैं अपनी गलतियों से सीखूं।''
हार्दिक पांड्या ने ये भी खुलासा किया है कि किस तरह से जव वह पहली बार गेंदबाजी के लिए आए थे, तो उनको लगा था कि धोनी उन्हें गेंदबाजी कहां करवानी है, इसके बारे में बताएंगे। लेकिन धोनी ने ऐसा कुछ नहीं किया। धोनी चाहते थे कि पांड्या खुद से गेम को समझे।
ऑलराउंडर ने कहा, "जब मैं वहां आया, तो मुझे लगा कि 'महेंद्र सिंह धोनी सब कुछ देख लेंगे।' उस समय, मैंने सोचा कि वह क्यों कुछ नहीं कह रहे हैं। मैंने सोचा कि वह मुझसे कहेंगे कि यहां गेंदबाजी करो या वहां गेंदबाजी करो। बाद में, मुझे एहसास हुआ कि वह चाहते थे कि मैं अपने दम पर सीखूं, ताकि मैं और अधिक समय तक खेल सकूं।''
हार्दिक ने अपने पहले अंतरराष्ट्रीय टी20 ओवर को याद करते हुए कहा कि उस ओवर में मैंने काफी रन लुटाए थे, जिसके बाद उन्हें लगा था कि उनका ये आखिरी मैच है, लेकिन धोनी ने उनपर भरोसा जताया, जोकि थोड़ा चौकाने वाला फैसला था।
उन्होंने कहा, "मुझे याद है कि मैंने (टी20) डेब्यू पर अपने पहले ओवर में 22 या 24 रन (19) दिए थे और मुझे सच में लगा कि यह मेरा पहला और आखिरी गेम है। इसलिए, जब उन्होंने मुझे दूसरा ओवर करने के लिए कहा, तो मुझे लगा कि वह किसी और की बात कर रहे हैं। फिर मैं गया और जाहिर है, चीजें बदल गईं। इसलिए, मैंने उससे जो सीखा वह यह है कि उसने कभी नहीं दिखाया कि वह वहां है लेकिन वह हमेशा वहां था।''


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