1 साल से नहीं खेला T20 फिर भी मोहम्मद शमी को इन वजहों से मिला मौका
ऑस्ट्रेलिया में होने वाले आईसीसी टी20 विश्व कप के लिए भारत ने अपनी 15 सदस्यीय टीम को फाइनल कर लिया है। बीसीसीआई ने जब टीम की घोषणा की थी तो सबसे के मन में एक ही सवाल था
ऑस्ट्रेलिया में होने वाले आईसीसी टी20 विश्व कप के लिए भारत ने अपनी 15 सदस्यीय टीम को फाइनल कर लिया है। बीसीसीआई ने जब टीम की घोषणा की थी तो सबसे के मन में एक ही सवाल था कि आखिरी जसप्रीत बुमराह की जगह कौन लेगा लेकिन दो सप्ताह के इंतजार के बाद इस सस्पेंस पर से अब पर्दा हट चुका है। बुमराह की जगह भारत के 15 सदस्यीय टीम में तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को शामिल किया गया है। शमी इससे पहले ट्रैवलिंग रिजर्व के तौर पर टीम में शामिल किया गया था। शमी के अलावा मोहम्मद सिराज और शार्दुल ठाकुर को भी ऑस्ट्रेलिया बुलाया गया है। यह दोनों खिलाड़ी विश्व कप के लिए स्टैंडबाय पर हैं। हैरानी की बात यह शमी पिछले एक साल से भारत के लिए एक भी टी20 इंटरनेशनल मैच नहीं खेले हैं।
टीम इंडिया को मुख्य टूर्नामेंट से पहले अभी दो प्रैक्टिस मैच खेलने हैं। इसके बाद वह 23 अक्टूबर को पाकिस्तान के खिलाफ अपने पहले मैच में मैदान पर उतरेगी। हालांकि इससे पहले यह जानते हैं कि आखिरी वह कौन सी पांच वजहें हैं जिसके कारण विश्व कप की टीम में मोहम्मद शमी को शामिल किया गया है।
ऑस्ट्रेलिया के पिचों पर खेलने का अनुभव
टी20 विश्व कप में चोटिल जसप्रीत बुमराह की जगह लेने के लिए शमी के अलावा मोहम्मद सिराज और शार्दुल ठाकुर की भी दावेदारी थी लेकिन शमी इन दोनों से आगे निकल गए। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह उनका ऑस्ट्रेलिया में खेलने का अनुभव है। शमी को यहां के पिच के बारे में अच्छे से पता है कि कहां कितना उछला मिलता है। ऐसे में वह टीम इंडिया के लिए इस टूर्नामेंट में एक कारगर हथियार बन सकते हैं।
ऑस्ट्रेलियाई धरती पर शमी कुल 14 वनडे मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 112.5 ओवर की गेंदबाजी की है और कुल 22 विकेट लिए हैं। साल 2015 के विश्व कप को भला कैसे भूला जा सकता है जिसमें उन्होंने 7 मैच में 17 विकेट लिए थे। वनडे के अलावा वह टेस्ट में भी यहां खूब गेंदबाजी की है। टेस्ट मैच में शमी ने 280 ओवर की गेंदबाजी की है जिसमें उन्होंने 31 विकेट लिए हैं। ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई धरती पर उनके खेलने के अनुभव के कारण टी20 विश्व कप में उन्हें जगह मिली है।
आईपीएल में दमदार प्रदर्शन
मोहम्मद शमी भले टी20 फॉर्मेट में बीसीसीआई के भविष्य की योजनाओं में शामिल नहीं रहे हों लेकिन इंडियन प्रीमियर लीग में यह गेंदबाज लगातार खेलते हुए आ रहे हैं। शमी का आईपीएल 2022 का सीजन भी शानदार रहा। अपनी टीम के लिए 16 मैचों में कुल 20 विकेट हासिल किए। यही कारण है कि उनकी टीम गुजरात टाइटंस चैंपियन बनी थी। इसके अलावा आईपीएल 2021 में शमी ने 14 मैच में 19 विकेट लिए थे।
गोल्डन हैंड गेंदबाज
मोहम्मद शमी टीम इंडिया के लिए गोल्डन हैंड गेंदबाज रहे हैं। अक्सर देखा गया है कि टीम में भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह की मौजूदगी में विरोधी टीम के बल्लेबाज उन्हें कम घातक समझ कर उन पर रन बनाने का प्रयास तेज कर देते हैं लेकिन इसी दौरान शमी अपनी बेहतरीन गेंदबाजी से टीम को विकेट दिलाते हैं। ऐसा ही कुछ उन्होंने 2019 विश्व कप में भी कर के दिखाया था। यहां भी शमी को जितना मौका मिला उन्होंने दमदार गेंदबाजी की थी।
नई गेंद से घातक होते हैं शमी
मोहम्मद शमी एक चतुर गेंदबाज माने जाते हैं और उन्हें अच्छे से पता है कि नई गेंद का इस्तेमाल कैसे किया जाना है। शमी जिस तरह से रिस्ट और सीम पोजीशन में गेंदबाजी करते हैं उसका कोई जवाब नहीं है। वहीं अगर पिच मददगार साबित हो जाए तो फिर वह बल्लेबाजों पर कहर बनकर टूटते हैं। ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई पिच पर शमी को टीम शामिल करना भारतीय खेमे का एक समझदारी भरा फैसला साबित हो सकता है।
टी20 विश्व कप 2021 में भी रहे थे प्रभावी
मोहम्मद शमी के नाम पर जब बुमराह के विकल्प को लेकर बात की जा रही थी तो तर्क यह दिया जा रहा था कि उन्हें टीम में शामिल नहीं किया जाना चाहिए कि क्योंकि वह पिछले एक साल से एक भी टी20 मैच नहीं खेले हैं। यह सच भी है। शमी टी20 विश्व कप 2021 में आखिरी बार टीम इंडिया के लिए टी20 में खेले थे, जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ करारी का सामना करना पड़ा। इस विश्व कप में भी शमी काफी प्रभावित रहे थे लेकिन बुमराह और भुवनेश्वर कुमार की छांव वह कहीं धूमिल पड़ गए थे।