BCCI विदेशी खिलाड़ियों को लेकर अपनाएगी ये रणनीति, जल्दबाजी में नहीं होगा कोई फैसला

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अपनी पूरी जी-जान से लगा हुआ है

Update: 2021-05-31 17:49 GMT

कोरोनावायरस के कारण स्थगित हुए आईपीएल-2021 (IPL 2021) सीजन को पूरा करने के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अपनी पूरी जी-जान से लगा हुआ है. बोर्ड ने इसे सितंबर-अक्टूबर के दौरान संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में कराने का फैसला किया है, जिसके लिए अमीरात क्रिकेट बोर्ड (ECB) तैयार है. इसके बावजूद राह आसान नहीं है और लीग के बचे हुए मैचों के आयोजन में अभी भी कई समस्याएं हैं और इनमें से सबसे बड़ी है विदेशी खिलाड़ियों की उलपब्धता. सितबंर-अक्टूबर के दौरान सभी बड़े टीमों के कार्यक्रम व्यस्त हैं और कुछ विदेशी खिलाड़ियों की उपलब्धता पर पहले ही आशंका मंडरा रही है. ऐसे में बोर्ड ने तय किया है कि इस मामले में वह व्यावहारिक रवैया अपनाएगा और जुलाई तक का इंतजार करने के बाद ही अंतिम फैसला लेगा.

बीसीसीआई ने 29 मई को हुई अपनी वर्चुअल विशेष आम बैठक (SGM) में आईपीएल को यूएई में आयोजित करने का फैसला लिया था. टूर्नामेंट को स्थगित किए जाने के वक्त 29 मैच खेले गए थे, जबकि 31 मैच अभी भी बाकी हैं. इन मैचों का आयोजन जानकारी के मुताबिक 17 सितंबर से शुरू होगा, जबकि 10 अक्टूबर तक टूर्नामेंट को पूरा करने पर बीसीसीआई विचार कर रहा है, लेकिन इस दौरान इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के खिलाड़ियों की उपलब्धता एक बड़ा मुद्दा बन रही है.
विदेशी बोर्ड से बातचीत और फैसले के लिए वक्त
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, बोर्ड की एसजीएम में इस मुद्दे पर भी चर्चा की गई. इसमें बताया गया है कि बोर्ड इस संबंध में विदेशी बोर्डों से बात करेगा और उनके जवाब का इंतजार करेगा. जानकारी के मुताबिक, जुलाई में ही बीसीसीआई फिर फैसला लेगा कि विदेशी खिलाड़ियों की अनुपब्धता की स्थिति में फ्रेंचाइजी किस तरह खिलाड़ियों अपने खिलाड़ियों के रिप्लेसमेंट हासिल कर सकेगी. एसजीएम में बोर्ड के इस फैसले के बारे में सभी राज्य संघों को भी बताया गया, ताकि घरेलू क्रिकेटरों की जरूरत पड़ने पर वे उन्हें तैयार रख सकें.
फ्रेंचाइजी बदल सकेंगी खिलाड़ी
रिपोर्ट में बताया गया है कि विदेशी बोर्ड से खिलाड़ियों को लेकर उनके फैसले के बाद बीसीसीआई सभी फ्रेंचाइजियों से बात करेगा और उन्हें स्थिति की जानकारी देगा. अगर कोई विदेशी खिलाड़ी टूर्नामेंट के लिए नहीं आता है, तो फ्रेंचाइजी बदलाव के तौर पर दूसरे खिलाड़ी को बिल्कुल उसी तरह शामिल कर सकेगी, जैसा चोटिल खिलाड़ी के बदलाव की स्थिति में किया जाता है. कुल मिलाकर, बोर्ड ने ये साफ कर दिया है, कि विदेशी खिलाड़ियों की गैर हाजिरी का टूर्नामेंट पर असर नहीं होगा.
इंग्लैंड-ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों का आना मुश्किल
सितंबर-अक्टूबर में टूर्नामेंट के दोबारा शुरू होने की स्थिति में इंग्लिश खिलाड़ियों के आने की उम्मीद लगभग खत्म हो चुकी है. इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड के डाइरेक्टर एश्ले जाइल्स ने हाल ही में कहा था कि वह अपने कुछ खिलाड़ियों को आने वाले दिनों में आराम देंगे, लेकिन इससे उन्हें दूसरे देशों में जाकर खेलने की छूट नहीं मिलेगी. वहीं ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोलकाता नाइट राइडर्स के ऑस्ट्रेलियाई पेसर पैट कमिंस ने साफ कर दिया है कि वह इस साल दोबारा टूर्नामेंट में शामिल नहीं होंगे.


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