इंटैलिजेंट और सेंसिटिव माने जाने वाले ऑक्टोपस की फॉर्मिंग का रहा है विरोध, जानें क्यों

स्पेन की दुनियाभर के बाजारों में सीफूड उपलब्ध कराने वाली कंपनी न्यूएवा पेस्केनोवा की आक्टोपस फॉर्मिंग करने की योजना का दुनियाभर के साइंटिस्ट विरोध कर रहे हैं

Update: 2021-12-24 12:05 GMT

स्पेन की दुनियाभर के बाजारों में सीफूड उपलब्ध कराने वाली कंपनी न्यूएवा पेस्केनोवा की आक्टोपस फॉर्मिंग करने की योजना का दुनियाभर के साइंटिस्ट विरोध कर रहे हैं. कंपनी अगले साल ये शुरू कर रही है और लगता नहीं वैज्ञानिकों के विरोध का कोई असर उस पर पड़ने वाला है. साइंटिस्ट का कहना है कि ऑक्टोपस की फॉर्मिंग ना केवल पर्यावरण के लिहाज से ठीक नहीं है बल्कि आक्टोपस के लिए बहुत दर्दभरी भरी होगी. वैज्ञानिकों के अनुसार ऑक्टोपस समुद्र में मिलने वाले जंतुओं में सबसे संवेदनशील और इंटैलिजेंट होते हैं. उनके साथ ऐसा सलूक नहीं होना चाहिए.

स्पेन की ये कंपनी पहले से ही बहुत से समुद्री जीव-जंतुओं की फॉर्मिंग का काम करती रही है, जिसे दुनियाभर के लोग सीफूड के तौर पर खाते हैं. इसमें कोई शक नहीं शीफूड खाने वाले लोग आक्टोपस को खाना बहुत पसंद करते हैं. इसलिए उसकी डिमांड भी दिनों दिन बढ़ रही है. एक आंकड़े के अनुसार सालभर में 3.5 लाख टन आक्टोपस को दुनियाभर के बाजारों में बेचा जाता है. एशिया और मध्यपूर्व में उसे बहुत चाव से खाया जाता है. उसकी बढ़ती मांग को देखते हुए कंपनी ने ये फॉर्मिंग करने का फैसला किया है.
हालांकि न्यूएवा पेस्केनोवा नाम की स्पेनी कंपनी ने ये खुलासा नहीं किया है कि वो उनकी फॉर्मिंग कितने बड़े इलाके में करेगी. उन्हें किस तरह फीड करेगी. किस तरह के माहौल में रखेगी. क्या उनके अंडों से उन्हें फीड किया जाएगा. हालांकि समय समय पर ये खबरें आती रही हैं कि कई देश मसलन जापान, चीन, आस्ट्रेलिया आदि ऑक्टोपस की फार्मिंग को लेकर योजना बनाते रहे हैं और इसका विरोध भी होता रहा है.
अबकी बार इसका विरोध बहुत दमदार तरीके से लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पालिटिकल साइंसेज के एक्सपर्ट ने किया है. उनका कहना है कि ऑक्टोपस बहुत बुद्धिमान कीट होता है. वो बहुत संवेदनशील भी होता है. लिहाजा उसे इस पूरी प्रक्रिया से किस तरह दर्द होगा, उसके बारे में भी सोचना चाहिए. ऑक्टोपस के बारे में कहा जाता है कि वो अकेला ऐसा समुद्री वेर्बेटर होता है जो दुख, हताशा और दर्द जाहिर करता है साथ ही खुशी और उत्तेजना भी. वो अपने मूड के अनुसार अपनी स्किन का रंग भी बदल लेता है. ऑक्टोपस सच में कुदरत का अनोखा जीव है. उसके पास 09 ब्रेन हैं. 08 भुजाओं के बारे में तो सबको मालूम ही है. आंखें भी बहुत होती हैं.
पर्यावरण विज्ञानी कहते हैं कि अगर ऑक्टोपस की फॉर्मिंग की गई तो ये काम पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाला होगा. वैसे दुनियाभर में सबसे ज्यादा ऑक्टोपस जापान और दक्षिण कोरिया में खाया जाता है लेकिन उनका सबसे ज्यादा निर्यात स्पेन और इटली जैसे देशों की कई कंपनियां करती हैं. इस बढ़ती मांग के मद्देनजर ऑक्टोपस पैदा करने के लिए उनके अनुसार कृत्रिम स्थितियां पैदा करने की योजना पर विचार होता रहा है
स्पेन में ऑक्टोपस फॉर्मिंग के प्रयोग के तौर पर जाल, जमीन पर टैंक बनाने या समुद्र के बड़े भाग को रैंच में तब्दील करने के काम किये जा चुके हैं. शायद स्पेनी कंपनी कुछ इसी तरह उनकी फॉर्मिंग करने वाली है. हालांकि ऑक्टोपस को लेकर दुनिया के कुछ देशों में बकायदा कानून भी बने हैं. उन्हें सम्मानजनक कीट माना जाता है. अगर उनका इस्तेमाल सर्जरी के काम में भी किया जाता है तो ये बेहोश करके ही होता है
वैज्ञानिकों मानते हैं कि गहरे समुद्र में रहने वाला ये जीव कलर ब्लाइंड है. हालांकि खुद रंगों की पहचान न कर सकने के बावजूद ये तेजी से (0.3 सेकंड से भी कम वक्त में) रंग और आकार भी बदल पाता है. ऐसा तब होता है जब ऑक्टोपस को अपने आसपास किसी खतरे का अहसास हो. खतरे की दशा में वातावरण के अनुकूल बदल जाने की प्रक्रिया को camouflaging कहते हैं, जो कि गिरगिट में भी देख सकते हैं.
ऑक्टोपस के एक-दो नहीं, बल्कि 3 दिल होते हैं. तीनों ही के काम अलग-अलग बंटे हुए हैं. एक दिल सिस्टमिक दिल कहलाता है. ये खून को ऑक्टोपस के पूरे शरीर और पैरों तक पंप करने का काम करता है. दूसरे दोनों दिल ब्रांकियल दिल कहलाते हैं. इनका काम है deoxygenated यानी ऑक्सीजन-रहित खून को पूरे शरीर से इकट्ठा करके दोनों गिल्स और फिर वहां से सिस्टमिक दिल तक पहुंचाना ताकि खून ऑक्सीजन के साथ वापस शरीर में दौड़े.
इस रहस्यमयी जंतु के शरीर में 9 दिमाग होते हैं. हालांकि उसका मुख्य दिमाग एक ही होता है जो सोचने-समझने और खतरे की स्थिति में फैसले लेने का काम करता है. इस मेन ब्रेन के 8 ancillary यानी सहायक मस्तिष्क होते हैं जो उसके अधीन काम करते हैं. ये आठों मस्तिष्क आठ पैरों में स्थित होते हैं. और पैर अपनी छोटी से छोटी एक्टिविटी इन्हीं के कहने पर करते हैं. दूसरे शब्दों में ये भी कह सकते हैं कि ऑक्टोपस के पैर या भुजाएं अपने अलग अलग ब्रेन से सिग्नल ग्रहण करके अलग अलग तरीके से सक्रिय रहते हैं लेकिन कई बार मुख्य ब्रेन उन्हें जब एक साथ काम करने का आदेश देता है तो सभी ब्रेन उसी तरह से काम करने लगते हैं.
इतने अजीब दिल-दिमाग वाले जंतु का खून भी कुछ कम अजीब नहीं. ऑक्टोपस का खून लाल नहीं, बल्कि नीले रंग का होता है. हमारे खून का रंग लाल हैं क्योंकि इसमें आयरन वाला हीमोग्लोबिन होता है जो ऑक्सीजन को यहां से वहां लाता- ले जाता है. वहीं ऑक्टोपस में आयरन की बजाए कॉपर यानी तांबे के साथ cyanoglobin होता है जो हमारे हीमोग्लोबिन की तरह काम करता है. तांबे की उपस्थिति के कारण इसका खून नीला होता है. वैसे ऑक्सीजन के प्रवाह में तांबा आयरन से कमजोर है इसलिए ऑक्टोपस इंसानों से जल्दी थक जाता है.
खतरनाक लगने वाले ऑक्टोपस में बहुत ही शानदार होममेकर के पूरे गुण होते हैं. ये कभी भी अपना घर गंदा नहीं रखता और रोज सुबह अपने घर की सफाई करता है. सफाई में समुद्री रेत हटाना और पिछली रात के बचे खाने को बाहर फेंकना भी शामिल है. ये हर थोड़े दिनों में अपना घर बदलते रहते हैं और किसी भी अंधेरी चट्टान के बीच या किसी खोह की सफाई कर, उसे चट्टानों के मजबूत टुकड़ों से पूरी तरह से ढंक उसमें रहने लगते हैं.
ऑक्टोपस अपने-आप में अलग जंतु है जिसकी किस्में भी कम चौंकाने वाली नहीं. साल 2016 में हवाई द्वीप में इनकी एक नई किस्म का पता चला जिसे ghost octopus कहते हैं यानी भुतहा ऑक्टोपस. इसकी स्किन हल्की और पारदर्शी होती है. ये इतनी तेजी से रंग बदलते हैं कि समुद्र में इनके होने का पता ही नहीं चलेगा, जब तक कि ये खुद न चाहें. एक अन्य ऑक्टोपस Blanket octopuse कहलाता है. इसे समुद्र की फैशन क्वीन भी कहते हैं, जिसके हाथों के चारों ओर एक किस्म का लाल रंग का जाल होता है, जो कि जालीदार और बहुत ही खूबसूरत दिखता है.
ऑक्टोपस के आठों हाथ इतने मजबूत माने जाते हैं कि कुछ सनकियों ने इनसे आजमाइश करने की ठानी. साल 1950 से 60 के दौर में वॉशिंगटन में World Octopus Wrestling Championship प्रतियोगिता हुआ करती. इसमें लोग दो से तीन गोताखोरों की टीम में गहरे पानी में पहुंच ऑक्टोपस से हाथापाई करती. कई बार लोग हथियारों से 150 पाउंड के इस जंतु को जख्मी कर देते. हारे हुए ऑक्टोपस को सतह पर लाया जाता और कई बार उसे जांच के लिए लैब में भेज दिया जाता. साल 1976 में बने नियम के तहत ऑक्टोपस के साथ Wrestling को गैरकानूनी करार दिया गया.
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