ब्लैक होल (Black Hole) को खोजना एक बहुत मुश्किल कार्य होता है. उनसे किसी भी तरह का प्रकाश उत्सर्जित नहीं होता है. खास तौर से तारकीय भार या फिर मध्यम भार वाले ब्लैक होल (Intermediate Mass Black Hole) को खोजना लगभग असंभव सा कार्य होता है क्योंकि उनके आसपास भी किसी तरह की चक्रिका नहीं होती है, जैसा कि एक सुपरमासिव ब्लैक होल के आसपास होता है. लेकिन एक तारे के निगले जाने की प्रक्रिया ने बौनी गैलेक्सी में छिपे हुए ब्लैक होल की उपस्थिति का खुलासा कर दिया है. वैज्ञानिक इससे ब्लैक होल और गैलेक्सी के संबंधों को गहराई से समझने की उम्मीद कर रहे है.
तारे के बिखरने की प्रक्रिया
यह तारा इस ब्लैक होल के बहुत ही करीब आ गया था और टाइडल डिस्रप्शन इवेंट नाम की प्रक्रिया के जरिए बहुत ही प्रचंड तरीके इसके टुकड़े टुकड़े हो रहे थे. इस प्रक्रिया की वजह से कुछ समय के लिए बहुत ही तेज ज्वाला निकली जिसकी चमक के आगे तारे और इसके बौनी गैलेक्सी तक की चमक फीकी पड़ गई थी. इसी घटना से इस शोधकर्ताओं को ब्लैक होल का पता लगाने में मदद मिली.
किसने पकड़ा ज्वाला को
इस ज्वाला को यंग सुपरनोवा एक्सपेरिमेंट सर्वे करने वाले खगलोविदों ने पकड़ा. यह सर्वे खास तौर पर ही खगोलीय विस्फोटों या इस तरह के तीव्र बदलाव वाली खगोलीय घटनाओं को पकड़ने के लिए ही डिजाइन किया गया है. अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की टीम का यह अध्ययन नेचर एस्ट्रोनॉमी जर्नल में प्रकाशित हुआ है.
बहुत उत्साहवर्धक खोज
सांता क्रूज यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के खगोलभौतिकविद और एसिस्टेंट प्रोफेसरऔर इस अध्ययन के सह लेखक रेयान फोले ने बताया कि यह बहुत उत्साह पैदा करने वाली खोज है क्योंकि हम टाइडल डिस्रप्शन इवेंट्स का उपयोग कर ना केवल शांत बौनी गैलेक्सी मध्यम भार वाले ब्लैक होल खोजने में कर सकते हैं बल्कि उनके भार का भी मापन कर सकते हैं.
एक बहुत बड़ा अवसर
नील्स बोर इंस्टीट्यूट के शोधकर्ता और इस अध्ययन के प्रथम लेखक चार्लोटी एंगस ने बताया की टीम के अध्ययन के नतीजों ने एक आधार उपबल्ध कराया है जिससे भविष्य में मध्यम आकार के ब्लैक होल के अध्ययन में मदद मिल सकेगी. हम इस ब्लैक होल की खोज तब कर सके जब वह एक तारे को निगल रहा था, एक तथ्य एक बड़ा अवसर देने वाला है क्योंकि इसके अलावा यह छिपा ही रहता.