अध्ययन में हुआ खुलासा: अस्थमा इनहेलर से कैसे बच सकती है कोविड संक्रमितों की जान? जानें

कोविड-19 के मरीजों की संख्या में लगातार हो रही बढ़ोतरी

Update: 2021-04-18 12:41 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: कोविड-19 के मरीजों की संख्या में लगातार हो रही बढ़ोतरी के कारण देश के ज्यादातर अस्पताल अब पूरी तरह से भर चुके हैं। गंभीर रूप से पीड़ित रोगियों को भी लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। ऐसे में क्या कोई उपाय हैं जो रोगियों को अस्पताल में भर्ती होने के जोखिम को कम कर सकते हैं? ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने ऐसे ही एक उपाय के बारे में बताया है जिसका प्रयोग रोगियों की जान बचा सकता है। विश्वविद्यालय द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार अस्थमा के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक सामान्य दवा कोविड-19 के रोगियों को तेजी से ठीक करने में सहायक हो सकती है।

लैंसेट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया है कि ग्लूकोकॉर्टिकोइड्स को सांस के माध्यम से दिए जाने से कोविड रोगियों को लाभ मिल सकता है। इतना ही नहीं इसका उपयोग रोगियों के अस्पताल में भर्ती होने के जोखिम को भी कम कर देता है।
इसी तरह चीन, इटली और अन्य देशों ने अपने अध्ययनों में बताया था कि अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) से पीड़ित रोगियों के अस्पताल में भर्ती होने की संभावना कम होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इन रोगियों को इनहेलर के माध्यम से यह दवा लेने की सलाह पहले से ही दी जाती है।
लैंसेट के इस अध्ययन में ब्रिटेन के 146 प्रतिभागियों को शामिल किया गया था। इनमें से आधे लोगों इनहेलर्स के माध्यम से को बाइडोनाइड नामक दवा को लेने के लिए कहा गया। शोधकर्ताओं की टीम ने पाया कि थोड़े समय के लिए ही बाइडोनाइड लेने वाले लोगों में कोविड का उपचार आसान हो गया। इतना ही नहीं यह गंभीर रूप से कोविड से पीड़ितों के इलाज में भी यह फायदेमंद हो सकता है।
इसके अतिरिक्त विशेषज्ञों ने यह पाया गया कि कोविड के जिन रोगियों ने बाइडोनाइड लिया उनमें अन्य लोगों की तुलना में बुखार की भी शिकायत कम देखी गई। इसके अलावा ऐसे रोगियों में 14 दिनों के भीतर कोविड के लक्षणों में भी बेहतर सुधार देखा गया। इस अध्ययन के आधार पर कहा जा सकता है कि कोविड-19 के दौरान अस्थमा के रोगियों को दी जाने वाली कुछ दवाएं फायदेमंद हो सकती हैं।
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