अध्ययन में दावा- एक बार कोरोना होने और दोनों वैक्सीन लेने वाले वायरस से ज्यादा सुरक्षित

अध्ययन में दावा

Update: 2022-04-07 12:42 GMT
Hybrid immunity gives best COVID-19 protection : कोरोनावायरस की रोकथाम और बीमारी के पुख्ता इलाज को लेकर पूरी दुनिया में रिसर्च जारी है. अब एक नई स्टडी में पता चला है कि जो लोग एक बार कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं और वो वैक्सीन की दोनों डोज भी ले चुके हैं. वे कोरोना और दूसरे वायरस से ज्यादा सुरक्षित हैं. 'द लैंसेट इंफेक्शियस डिसीज (The Lancet Infectious Disease)' मेंप्रकाशित इस स्टडी के लिए साइंटिस्टों ने 2020 और 2021 में ब्राजील के 2 लाख लोगों के स्वास्थ्य संबंधी आंकड़ों की स्टडी की. आपको बता दें कि अमेरिका के बाद ब्राजील में ही कोविड से सर्वाधिक मौतें हुई हैं. अपनी स्टडी में साइंटिस्टों ने पाया कि जिन लोगों को पहले ही कोरोना हो चुका था, उन्हें फाइजर (Pfizer) और एस्ट्रोजेनिका (astrazeneca) वैक्सीन से कोविड के कारण अस्पताल जाने या मौत से बचने में 90% तक इम्यूनिटी हासिल हुई.
वहीं, चीन की कोरोनावैक (coronavac) के लिए ये आंकड़ा 81% था और जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson & Johnson vaccine) के एक ही टीके वाली खुराक के लिए 58% रहा.
क्या कहते हैं जानकार
इस स्टडी के बारे में भारत के ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (translational health science and technology institute) के प्रमोद कुमार गर्ग कहते हैं कि कुदरती तौर पर कोरोना से पैदा हुई शारीरिक क्षमता और वैक्सीन से मिली इम्यूनिटी के कारण बनी हाईब्रिड इम्यूनिटी (Hybrid immunity) इस वायरस से लंबी अवधि में बचाने में काम तो आएगी ही, साथ ही अन्य नए विकसित हो रहे वायरस से भी सुरक्षा देगी.
इसी तरह की एक स्टडी स्वीडन में हुई है जहां अक्टूबर 2021 तक देश में कोविड के मरीजों के आंकड़ों पर स्टडी की गई. इसमें पता चला कि जो लोग कोविड से ठीक हो चुके थे उनके अंदर कोविड के प्रति अगले 20 महीने तक ज्यादा बचाव की क्षमता थी. जिन लोगों में दो वैक्सीन डोज के कारण हाईब्रिड इम्युनिटी पैदा हो चुकी थी, उन्हें दोबारा संक्रमण होने का खतरा 66% तक कम था.
ऑमिक्रॉन पर हाईब्रिड इम्यूनिटी का असर
कतर (Qatar) में प्रकाशित एक स्टडी में ओमिक्रॉन (Omicron) पर हाईब्रिड इम्यूनिटी (hybrid immunity) के असर की जानकारी दी गई है. इसमें कहा गया है कि वैक्सीन की डोज ने BA.2 ओमिक्रॉन वैरिएंट के खिलाफ 52% तक इम्यूनिटी मिली. लेकिन जिन लोगों को कोरोना संक्रमण हो चुका था उनके लिए ये प्रतिरोध क्षमता 77% तक पाई गई.
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