इसरो में वरिष्ठ वैज्ञानिक के रूप में चुने गए सोमनाथ माली, जानें इनके खेतिहर मजदूर से साइंटिस्ट बनने तक की कहानी
इसरो में वरिष्ठ वैज्ञानिक के रूप में चुने गए सोमनाथ माली
जैसे ही पिता ने सुना कि उनका बेटा एक बड़ा वैज्ञानिक बन गया है, वो खुशी के आंसू नहीं रोक पाए. एक पिता जिसने अपने बेटे को पढ़ा-लिखा कर वैज्ञानिक बनाया. उसी इसरो में जहां से भारत के पूर्व राष्ट्रपति मिसाइलमैन एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने करियर की शुरुआत की थी.
सोमनाथ नंदू माली, पंढरपुर तहसील के सरकोली का एक युवक आज इसरो में वैज्ञानिक बन चुका है. गांव के एक स्कूल में पढ़ाई से इसरो तक का सफर बड़ी ही कठिन परिस्थितियों में तय करने वाले सोमनाथ बहुत से लोगों के लिए एक नजीर हैं. सोमनाथ की शिक्षा के के लिए पिता, मां और भाई ने खेतो में मजदूरी तक की.
बता दें कि सोमनाथ हाल ही में केरल के तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक के रूप में चुने गए हैं. इसके बाद महाराष्ट्र से चयनित होने वाले सोमनाथ इकलौते छात्र का खिताब भी हासिल कर चुके हैं.
सोमनाथ के संघर्ष और मेहनत की कहानी सबको प्रेरणा देने वाली है. उन्होंने गांव में जिला परिषद प्राइमरी स्कूल से 7वीं और सेकेंडरी स्कूल से 10वीं तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद 11वीं की पढ़ाई शास्त्र शाखा के पंढरपुर स्थित केबीपी कॉलेज से की. साल 2011 में 81 फीसदी अंकों के साथ बारहवीं कक्षा पास करने के बाद सोमनाथ बी.टेक के लिए मुंबई चले गए.
यहां से उन्हें IIT दिल्ली के लिए मैकेनिकल डिजाइनर के रूप में चुना गया, फिर जैसे उन्होंने सफलताओं की शृंखला तैयार करनी शुरू कर दी थी. इसी दौरान उन्होंने पूरे भारत से GATE परीक्षा में 916 वां स्थान प्राप्त किया. यहीं पर उन्हें एयरक्राफ्ट इंजन डिजाइन पर काम करने का मौका मिला. सोमनाथ को आखिरकार 2 जून को इसरो में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक के रूप में चुना गया. आज सोमनाथ न सिर्फ अपने गांव और जिले बल्कि पूरे महाराष्ट्र और देश के लिए नजीर बन चुके हैं.