वैज्ञानिकों का कहना- नए वायरसों का कोविड-19 से कोई संबंध नहीं...

चीन के वैज्ञानिकों ने चमगादड़ से फैलने वाले 142 नए कोरोना वायरसों का पता लगाया है

Update: 2021-09-22 09:43 GMT

चीन के वैज्ञानिकों ने चमगादड़ से फैलने वाले 142 नए कोरोना वायरसों का पता लगाया है। ये वायरस सार्स रोग फैलाने में सक्षम हैं। लेकिन इन वैज्ञानिकों का कहना है कि नए वायरसों का कोविड-19 से कोई संबंध नहीं है। विश्लेषकों के मुताबिक कोविड-19 महामारी फैलने के बाद पहली बार चीनी वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरसों के बारे में इतनी विस्तृत जानकारी जारी की है। इस बारे में एक अनुसंधान पत्र इंस्टीट्यूट ऑफ पैथोजन रिसर्च स्वेयर की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है।

इस इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने बताया है कि उन्होंने 4,700 से ज्यादा चमगादड़ों से इन वायरसों के सैंपल हासिल किए। ये काम जनवरी 2020 के बाद से किया गया है। उसके पहले 2016 से इसी इंस्टीट्यूट में हजारों दूसरे प्रकार के कोरोना वायरसों का अध्ययन किया गया है। कोविड-19 का स्रोत भी चमगादड़ों को माना गया था। उसके बाद से इस क्षेत्र में व्यापक पड़ताल शुरू की गई। इसमें ऐसे तमाम वायरसों के कोविड-19 वायरस से संभावित संबंधों का अध्ययन किया गया।
कोविड-19 पहली बार चीन के वुहान शहर में 2019 के आखिरी महीनों में सामने आया था। उसके बाद वह दुनियाभर में फैल गया। कोविड-19 वायरस की उत्पत्ति संबंधी जांच के लिए चीन गए विश्व स्वास्थ्य संगठन के दल में शामिल विशेषज्ञ पीटर डेस्जाक ने हांगकांग के अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट से कहा कि महामारी फैलने के बाद पहली बार चीनी वैज्ञानिकों की तरफ से सार्स से संबंधित कोरोना वायरस के बारे में इतनी जानकारी दी गई है।
विशेषज्ञों के मुताबिक ताजा रिसर्च पेपर में जो जानकारी दी गई है, वह चीन में पहले निकाले गए कई निष्कर्षों का खंडन करती है। पहले कहा गया था कि सार्स-कोविड-2 के करीबी कोरोना वायरस चीन के चमगादड़ों में दुर्लभ हैं। लेकिन अब सामने आया है कि वहां के चमगादड़ों में ऐसे वायरस बड़े पैमाने पर मौजूद हैं। पहले चीनी विशेषज्ञों ने कहा था कि सार्स-कोविड-2 जैसे कोरोना वायरस की मौजूदगी के लिए चीन के पड़ोसी देशों में अनुकूल माहौल है। लेकिन अब सामने आया है कि ऐसा वातावरण चीन में भी है।
हाल के कुछ दूसरे अध्ययनों में भी कोविड-19 से मिलते-जुलते कई कोरोना वायरसों के दक्षिण-पूर्व एशिया में मौजूद होने की बात कही गई है। पिछले हफ्ते फ्रांस और लाओस के वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन रिपोर्ट जारी की थी। उसमें बताया गया था कि लाओस में चूना पत्थर की गुफाओं में ऐसे कोरोना वायरस मिले हैं, जो कोविड-19 के पूर्वज हो सकते हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि चीन में नई जानकारी उस समय समाने आई है, जब कोविड-19 की उत्पत्ति की जांच अब किस दिशा में हो, इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक टकराव चल रहा है। वैज्ञानिकों का एक हिस्सा चीन में ये जांच करना चाहता है। इन वैज्ञानिकों के मुताबिक यह जानकारी हासिल करना जरूरी है कि जब महामारी शुरू हुई, तब कोविड-19 वायरस से कौन से दूसरे जीव वहां संक्रमित हुए थे।
लेकिन चीन के वैज्ञानिक और अधिकारी चीन के बाहर जांच करने पर जोर दे रहे हैं। उनका दावा है कि चीन में हुई जांच से अब तक कोविड-19 की उत्पत्ति के बारे में कोई नया सुराग नहीं मिला है। विश्लेषकों के मुताबिक अब यह देखने पर नजर रहेगी कि चीन में जारी हुई नई अध्ययन रिपोर्ट से इस विवाद में क्या मोड़ आता है।
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