रॉकेटमैन ऑफ इंडिया बोले- नए साल में अंतरिक्ष में बढ़ेगा भारत का सामर्थ्य, चंद्रयान-3 पर चल रहा काम

निजी क्षेत्र को अंतरिक्ष गतिविधियों में शामिल करने के लिए भी अनुकूल नीतियां बनानी होंगी

Update: 2020-12-23 13:06 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रॉकेट मैन ऑफ इंडिया के नाम से मशहूर इसरो (ISRO) के निदेशक के. शिवन (K. SHIVAN) ने बताया कि अंतरिक्ष परिवहन, नेविगेशन, अंतरिक्ष अन्वेषण, मानव अंतरिक्ष उड़ान नीति को मिलाकर एक समग्र राष्ट्रीय अंतरिक्ष नीति पर काम कर रहे हैं। साथ ही निजी क्षेत्र को अंतरिक्ष गतिविधियों में शामिल करने के लिए भी अनुकूल नीतियां बनानी होंगी। नए भारत के निर्माण में इसरो की भूमिका हमेशा सराही गई है। हमारी कोशिश रही है कि अंतरिक्ष तकनीक का अधिकतम लाभ आम आदमी को मिले, लोगों की कठिनाइयां कम हों। दूरसंचार, आपदा प्रबंधन, नेविगेशन, ब्रॉडकास्टिंग सेवाओं से लेकर ई-गवर्नेंस तक जीवन के हर क्षेत्र में इसरो योगदान कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए विजन से अंतरिक्ष संबंधी गतिविधियों में निजी क्षेत्र की सहभागिता बढ़ेगी। नवाचार बढऩे से नई तकनीकों का विकास होगा।


नए साल में अंतरिक्ष में बढ़ेगा भारत का सामर्थ्य
इससे भारत एक तकनीकी महाशक्ति बनकर उभरेगा। निजी सहभागिता से उपग्रहों के प्रक्षेपण लागत में कटौती होगी, उन्नत अंतरिक्ष यानों का विकास होगा।। गहन अंतरिक्ष में हमारी पहुंच और वहां तक पहुंचने का हमारा सामथ्र्य बढ़ेगा। मानव मिशन भेजने के साथ ही हम ऐसा करने वाले दुनिया के चौथे राष्ट्र के रूप में पहचाने जाएंगे। अभी 17 हजार लोग इसरो में तकनीकी विकास, अंतरिक्ष गतिविधियों और नियमित मिशन में योगदान दे रहे हैं। नए अंतरिक्ष सुधारों से पूरे देश के पास अवसर होगा कि वह अपनी भूमिका निभा सके। फिर यह केवल 17 हजार लोगों की बात नहीं रह जाएगी। अब पूरा देश भाग ले सकेगा। नए साल में चंद्रयान-3 (CHANDRAYAAN-3) लॉन्च करने की योजना पर काम कर रहे हैं, जो लैंडिंग मिशन होगा। इसके बाद चांद से नमूने लाने की भी योजना बनाएंगे।


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