विशेषज्ञों का कहना कोरोना से ठीक हुए मरीजों को Heart Attack का खतरा ज्यादा

विशेषज्ञों ने बताया कि दुनियाभर में कोरोना के हर रोज लाखों नए मामले सामने आ रहे हैं

Update: 2021-05-06 17:35 GMT

विशेषज्ञों ने बताया कि दुनियाभर में कोरोना के हर रोज लाखों नए मामले सामने आ रहे हैं. इनमें से अधिकतर मरीजों का इलाज होम क्वारंटीन में चल रहा है, जबकि कुछ मरीज अस्पताल में अपना इलाज करा रहे हैं. स्टडी के अनुसार, अस्पताल में कोरोना के इलाज के बाद ठीक हुए मरीजों में ही ब्लड क्लॉट और हृदय से जुड़ी कई समस्या देखी गई हैं. इसलिए ऐसे सभी मरीजों को जल्द से जल्द डॉक्टर से अपने हार्ट की जांच करानी चाहिए. वरना मरीज की स्थिति अचानक बिगड़ने के चांस हैं.

किसी इंसान का हार्ट फेल कब होता है?
डॉक्टर जीवोत्तम नारंग ने बताया, 'जब हृदय की मांसपेशियां खून को पंप करने की क्षमता खोने लगती हैं या फिर खून को पंप करना कम कर देती हैं. उस वक्त रक्त धमनियां (Blood Arteries) पतली हो जाती हैं, जिससे खून का सही से प्रवाह नहीं हो पाता है. ऐसा होने पर हार्ट अटैक आता है. हालांकि समय पर इस समस्या का पता लगने से मरीज का इलाज आसानी से किया जा सकता है
इस तरह होता है हार्ट पेशेंट का इलाज
डॉक्टर नारंग ने बताया कि शुरुआती दिनों में हार्ट पेशेंट का इलाज दवाइयों के जरिए ही किया जाता है. लेकिन अगर हार्ट फेलियर की स्थिति बनती है तो वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस (LVAD) नाम की डिवाइस लगाई जाती है, जो खून को सही तरह से पंप करने में मदद करती है. इसके अलावा मरीजों का हार्ट ट्रांसप्लांट (Heart Transplant) भी किया जा सकता है.
हार्ट फेल होने के लक्षण क्या हैं?
हार्ट फेल होने के कई लक्षण होते हैं. जैसे- सांस लेने में कठिनाई, कमजोरी, थकान, टखनों और पैरों में सूजन, अनियमित या तेजी से दिल धड़कना, एक्सरसाइज करने में दिक्कत आना, लगातार खांसी, वजन का तेजी से बढ़ जाना, भूख की कमी, पेशाब ज्यादा आना आदि.
कोरोना मरीज ऐसा होने पर तुरंत कराएं जांच
स्टडी के अनुसार, कोरोना से ठीक हो चुके वे मरीज जो पहले से हृदय से जुड़ी किसी प्रकार की समस्या से जुझ रहे हैं वे बिल्कुल भी लापरवाही न बरतें. अगर आपको सीने में दर्द या ऊपर बताए गए किसी तरह के लक्षण दिखाई दें तो खुद उपचार ना करें, बल्कि तुरंत डॉक्टर से मिलकर अपनी जांच कराएं.


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