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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Nidhi Companies Rules: निधि कंपनियों से लेन-देन करने वालों के लिए जरूरी खबर है. दरअसल, सरकार ने आम लोगों के हितों को देखते हुए निधि कंपनियों (Nidhi companies) को नियंत्रित करने वाले नियमों में संशोधन किया है. केंद्र सरकार के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है. मंत्रालय ने कहा कि निधियों के रूप में कार्य करने की इच्छुक सूचीबद्ध कंपनियों को अब जमा स्वीकार करने से पहले केंद्र सरकार से पूर्व-मंजूरी प्राप्त करनी होगी.
निधि कंपनियों के नियमों में संशोधन
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, 'आम जनता के हितों की रक्षा के लिए, यह अनिवार्य है कि इसका सदस्य बनने से पहले केंद्र सरकार से निधि कंपनी के रूप में घोषणा हासिल की जाए. इसके अलावा 10 लाख रुपये की शेयर पूंजी के साथ निधि कंपनी के रूप में गठित फर्म को खुद को निधि घोषित करने के लिए न्यूनतम 200 की सदस्यता के साथ एनडीएच-4 फॉर्म के जरिये आवेदन करना होगा. ऐसी कंपनियों का शुद्ध स्वामित्व वाला कोष (NOF) गठन के 120 दिन के अंदर 20 लाख रुपये होना चाहिए.'
मानदंडों को करना होगा पूरा
नए नियम के अनुसार, कंपनी के प्रवर्तकों और निदेशकों को बताए गए नियमों के अनुरूप उपयुक्त व्यक्ति के मानदंड को पूरा करना होगा. मंत्रालय ने यह भी बताया, 'समय पर निपटान के लिए केंद्र सरकार एनडीएच-4 (NDH-4) के रूप में कंपनियों की तरफ से दायर आवेदनों की प्राप्ति के 45 दिन के भीतर कोई निर्णय नहीं लेती है, तो मंजूरी को स्वीकृत माना जाएगा.'
इसके अलावा आपको बता दें कि विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि यह ऐसी कंपनियों पर लागू होगा जिन्हें निधि (संशोधन) नियम, 2022 के बाद निगमित किया जाएगा.
जानिए क्या हैं निधि कंपनियां?
गौरतलब है कि निधि कंपनियां (Nidhi company) एक तरह की गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाएं यानी नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल सर्विसेस कंपनियां हैं जो अपने सदस्यों के साथ उधार लेना-देना करते हैं. इसमें कई बार लेन-देन के बीच शिकायत सामने आती रहती है.