NASA बना रूसी साइबर हैकरों का निशाना, कई सरकारी संस्थान और प्राइवेट कंपनियां बनी शिकार
अमेरिका में संघीय एजेंसियों और उद्यमों को रूस के साइबर हैकरों ने व्यापक स्तर पर निशाना बनाया है
अमेरिका में संघीय एजेंसियों और उद्यमों को रूस के साइबर हैकरों ने व्यापक स्तर पर निशाना बनाया है। इन हैकरों ने इस बार अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा और फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) को भी निशाने पर ले लिया। वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार नौ संघीय एजेंसियों के साथ ही प्राइवेट सेक्टर की सौ से अधिक कंपनियों को हैकरों ने अपना शिकार बनाया है। इन एजेंसियों के हैकरों का शिकार होने की पुष्टि पिछले दिनों व्हाइट हाउस ने भी की थी।
सीनेट इंटेलिजेंस कमेटी साइबर हमलों की जांच की सुनवाई कर रही है। नासा के प्रवक्ता ने इन खबरों का खंडन नहीं किया है, लेकिन इस बारे में कुछ भी टिप्पणी करने के इन्कार कर दिया है। इसी तरह से एफएए ने भी कोई टिप्पणी नहीं की है। साइबर हमलों में जिन एजेंसियों को निशाना बनाया गया है, उनमें वाणिज्य, ऊर्जा, आंतरिक सुरक्षा और न्याय विभाग और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ जैसी एजेंसियां भी शामिल हैं।
अमेरिका की साइबर टेक्नॉलॉजी की उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ऐनी न्यूबर्गर ने साइबर हमलों के संबंध में कहा कि हैकरों ने आईटी मैनेजमेंट कंपनी सोलर विंड्स के ओरियन सॉफ्टवेयर के माध्यम से यह हमला किया है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में जांच की जा रही है कि इसमें मुख्य रूप से किसका हाथ है। ओरियन के इस मैलवेयर को 1800 से ज्यादा एजेंसियों ने डाउनलोड किया है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि हैकरों का शिकार होने वाली एजेंसियां अब तक की जानकारी से ज्यादा भी हो सकती हैं। टेक कंपनियों का मानना है कि साइबर हमले रूस की एजेंसियों के द्वारा किए जा रहे हैं।
इधर यूक्रेन ने भी अपने यहां वेब आधारित डाक्यूमेंट सिस्टम पर साइबर हमलों की बात कही है। यूक्रेन ने सीधे तौर पर इसके लिए रूस को जिम्मेदार ठहराया है। यूक्रेन की नेशनल सिक्योरिटी एंड डिफेंस काउंसिल ने बताया कि साइबर हमलों के तरीके से साफ हो गया है कि यह काम रूस के हैकरों का है।