मशरूम भी करते हैं आपस में गपशप, दिनभर चलती रहती है बातें

पेड़-पौधों में जीवन होता है और वो अच्छी खाद-पानी पाने के बाद लहलहा उठते हैं

Update: 2022-04-06 17:33 GMT
Science Research : पेड़-पौधों में जीवन होता है और वो अच्छी खाद-पानी पाने के बाद लहलहा उठते हैं, ये तो हमें भी पता है, लेकिन क्या कोई फंगस बात (Mushrooms Can Talk) कर सकता है? सुनने में ये बात बेहद अजीब है लेकिन एक स्टडी के मुताबिक प्रोटीन का रिच सोर्स माने जाने वाले मशरूम आपस में बात कर सकते हैं. इतना ही नहीं उनकी 50 शब्दों (50 words vocabulary) की अपनी डिक्शनरी है, जिससे वो तमाम गॉसिप कर लेते हैं.
फंगी की चार प्रजातियों की इलेक्ट्रिक एक्टिविटी (Fungus Electric Activity) पर हुई एक स्टडी में ये बात कही गई है. स्टडी के मुताबिक मशरूम के इलेक्ट्रिकल इम्पल्सेज़ इंसानों की भाषा जैसे ही होते हैं और उनके पास दर्जनों शब्दों का भंडार है. ये रिसर्च यूनिवर्सिटी ऑफ द वेस्ट ऑफ इंग्लैंड के प्रोफेसर एंड्र्यू एडमैट्ज़्की ने की है.
मशरूम भी करते हैं गॉसिप !
Royal Society Open Science में छपी रिसर्च में प्रोफेसर एंड्रयू ने कहा है फंगी के स्पाइकिंग पैटर्न और इंसानों की भाषा में कोई रिश्ता है या नहीं, इस बारे में जानकारी नहीं है लेकिन फंगी आपस में कम्युनिकेशन कर सकते हैं. एंड्रयू का दावा है कि फंगी में दिमाग और चेतना दोनों ही होती है. उनका कहना है कि फंगल शब्दकोष में 50 शब्द हो सकते हैं, लेकिन वे इनमें से 15-20 शब्दों का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने ये रिसर्च एनोकी (enoki), स्प्लिट गिल (split gill), घोस्ट (ghost) और कैटरपिलर फंगी (caterpillar fungi) पर की है.


 


क्या बातें करते होंगे फंगी ?
प्रोफेसर एंड्रयू के मुताबिक हर फंगल शब्द की औसत लंबाई 5.97 अक्षरों की होती है, यानि इंसानों के शब्दों से भी थोड़ी बड़ी. स्टडी में बताया गया है कि मशरूम आपपस में मौसम और आने वाले खतरों से जुड़ी जानकारियां देते हैं. इलेक्ट्रिक एक्टिविटी पैटर्न का विश्लेषण करके रिसर्चर्स ने ये अजीबोगरीब निष्कर्ष निकाला है. हालांकि सभी वैज्ञानिक इसे पूरी तरह नहीं मान रहे. गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर के डैन बेबर ने कहा है कि इस पर और रिसर्च की ज़रूरत है, इलेक्ट्रिक एक्टिविटी को लैंग्वेज करार दे देना जल्दबाज़ी होगी.
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