चांद पर बनेगा मंगल का स्पेस स्टेशन, पढ़ें नासा के मिशन मून की जानकरी

चांद पर बनेगा मंगल का स्पेस स्टेशन

Update: 2021-09-22 11:38 GMT

वॉशिंगटन: नासा चांद को लेकर अपने अगले 'मून मिशन' शुरुआत करने जा रहा है। इस मिशन का लक्ष्य चांद की सतह पर एक स्थायी क्रू स्टेशन का निर्माण करना है। इसके लिए किसी अंतरिक्ष यात्री को चांद पर भेजने से पहले एजेंसी चंद्रमा के ठंडे, छायादार दक्षिणी ध्रुव पर गोल्फ-कोर्ट के आकार का एक रोबोट लॉन्च कर रही है। इस रोवर का नाम VIPER यानी Volatiles Investigating Polar Exploration Rover होगा।

मिशन मंगल में मिलेगी मदद
यह रोवर चंद्रमा की सतह पर जल स्रोतों की खोज में 100 दिन बिताएगा। यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव से जुड़ा पहला सर्वे होगा। वैज्ञानिक अब मंगल ग्रह पर इंसानों को भेजना चाहते हैं क्योंकि चंद्रमा पर कई बार अंतरिक्ष यात्री जा चुके हैं। नासा वहां स्थायी स्टेशन स्थापित करने की उम्मीद कर रहा है। ताकि 2030 के दशक में इसका इस्तेमाल मंगल पर पहले मानव मिशन में मदद के लिए किया जा सके।
चांद पर बनेगा मंगल का स्पेस स्टेशन
वैज्ञानिक यह जानना चाहते हैं कि चांद पर पानी कहां मौजूद है। पानी को घटकों, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में तोड़ा जा सकता है और दोनों को रॉकेट ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इंसान को मंगल पर भेजने के लिए बड़ी मात्रा में Propellant की जरूरत होगी। रॉकेट से अंतरिक्ष में ले जाने के लिए यह बेहद भारी है। 'लाल ग्रह' पर इंसान को भेजने के लिए नासा को चंद्रमा पर ईंधन की व्यवस्था करनी होगी।
'जहां पानी है, वहां ईंधन है'
नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने मंगलवार को टाउन हॉल में कहा, 'जहां पानी है, वहां ईंधन है। यह भविष्य में हमारे लिए एक गैस स्टेशन की तरह काम कर सकता है।' सोमवार को नासा ने घोषणा की कि उसने VIPER के लैंडिंग साइट को चुन लिया है जहां यह गैस स्टेशन की खोज करेगा। यह रोवर चंद्रमा के नोबेल क्रेटर के पास एक पहाड़ी इलाके में उतारा जाएगा। अमेरिकी स्पेस एजेंसी की योजना 2023 तक इसे भेजने की है।
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