टीकाकरण के बाद भी बरतें पूरी सुरक्षा: वैज्ञानिक

वैज्ञानिकों ने फिर एक बार चेताया है कि जो लोग टीका ले चुके हैं,

Update: 2021-04-13 05:58 GMT

वैज्ञानिकों ने फिर एक बार चेताया है कि जो लोग टीका ले चुके हैं, वे भले ही कोविड-19 से गंभीर तौर पर बीमार होने से बच सकते हैं, लेकिन उनके जरिए दूसरों में संक्रमण फैलने की आशंका खत्म नहीं हो जाती। लोग टीका लेने के बाद संतुष्ट न हो जाएं और रोग को फैलने से रोकने के लिए सभी नियमों का सख्त पालन करें।

राष्ट्रीय रोग प्रतिरक्षाविज्ञान संस्थान दिल्ली के वैज्ञानिक सत्यजीत रथ के अनुसार, टीकाकरण महामारी को रोकने के विभिन्न तरीकाें में से एक है। यह कोई जादुई या एकमात्र तरीका नहीं है। पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, एजूकेशन एंड रिसर्च की वैज्ञानिक विनीता बाल के अनुसार आज लगाए जा रहे किसी भी टीके में एक व्यक्ति से दूसरे में वायरस को फैलने से रोकने की क्षमता नहीं है। यह केवल संक्रमित व्यक्ति को गंभीर रूप से बीमार होने से बचा सकते हैं। जब तक बहुसंख्य आबादी को टीका नहीं लग जाता, सभी को मास्क पहनना और एक दूसरे से दूरी रखना जरूरी है।
टीकाकरण से यह होगा फायदा
रथ के अनुसार टीके से व्यक्ति में ऐसी एंटीबॉडी विकसित होती हैं जो इस वायरस को खत्म कर सकती हैं। टीकाकरण से व्यक्ति का बचाव करता है, पूरे समुदाय का नहीं। यह भी संभव है कि निकट भविष्य में वायरस का ऐसा स्वरूप विकसित हो जाए जिसे पर टीका असर ही न करे। इसलिए अगली पीढ़ी के टीके पर भी हमें तेजी से काम करना चाहिए।
हर्ड इम्यूनिटी में कई बाधाएं
वैज्ञानिकों के अनुसार, बड़ी संख्या में टीकाकरण होने पर हर्ड इम्युनिटी विकसित हो सकती है, यानी बड़ी आबादी पर वायरस असर नहीं कर पाएगा। लेकिन इसके लिए कितनी आबादी को टीका लगाना होगा, यह अभी वैज्ञानिक तय नहीं कर पाए हैं क्योंकि यह नया वायरस है। ऐसे में सभी को टीका लगाना फायदेमंद हो सकता है। लेकिन अभी यह टीका गर्भवती महिलाओं या 12 साल से छोटे बच्चों पर परीक्षण से नहीं गुजरा है, ऐसे में सभी का टीकाकरण होने में कई बाधाएं हैं।
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