भारतीय वैज्ञानिकों ने खोज निकाला नया ग्रह, पृथ्वी की तरह जीवन जीना होगा संभव
Delhi दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. उन्होंने सौर मंडल के बाहर एक नया और विशाल ग्रह खोजा है, जिसे TOI-6038A b नाम दिया गया है. यह ग्रह इतना बड़ा है कि इसमें 263 पृथ्वी समा सकती हैं. इसका द्रव्यमान पृथ्वी से 78.5 गुना अधिक है, जबकि इसकी त्रिज्या पृथ्वी से 6.41 गुना बड़ी है. यह ग्रह एक बाइनरी सिस्टम का हिस्सा है और शनि के समान एक घना ग्रह माना जा रहा है.
इस ग्रह की खोज अहमदाबाद स्थित भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (PRL) के वैज्ञानिकों की टीम ने की है. यह खोज माउंट आबू वेधशाला में की गई, जहां 2.5 मीटर दूरबीन का इस्तेमाल किया गया. वैज्ञानिकों को इस ग्रह में एक विशाल चट्टानी कोर होने के संकेत मिले हैं.
यह ग्रह एक धातु-समृद्ध F-प्रकार के तारे की परिक्रमा कर रहा है. इसकी कक्षा लगभग गोलाकार है और यह अपने तारे का एक चक्कर 5.83 दिनों में पूरा करता है.F-प्रकार के तारे हमारे सूर्य से अधिक गर्म और चमकीले होते हैं, लेकिन सबसे गर्म तारों की श्रेणी में नहीं आते. इनकी चमक सूर्य से 1.5 से 5 गुना अधिक होती है. ये तारे A-प्रकार (गर्म) और G-प्रकार (सूर्य जैसा) के बीच आते हैं.
यह ग्रह नेपच्यून जैसे ग्रहों और गैस दानव ग्रहों (जैसे शनि और बृहस्पति) के बीच की श्रेणी में आता है. इसे “सब-सैटर्न” कहा जाता है. हमारे सौर मंडल में इस तरह का कोई ग्रह नहीं पाया जाता. इसलिए, यह ग्रह ग्रहों के निर्माण और उनके विकास को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण खोज है. इसरो ने अपनी आधिकारिक घोषणा में कहा कि यह खोज माउंट आबू के गुरुशिखर वेधशाला में मौजूद 2.5 मीटर दूरबीन और PARAS-2 स्पेक्ट्रोग्राफ की मदद से की गई. इस खोज का पूरा विवरण प्रतिष्ठित एस्ट्रोनॉमिकल जर्नल में प्रकाशित किया गया है.