जानें ह्यूमन ब्रेन के विकास में Cerebellum की क्या थी भूमिका

इंसानी मस्तिष्क (Human Brain) को वैज्ञानिक दुनिया की सबसे रहस्यमयी चीजों में से एक मानते हैं

Update: 2021-05-09 14:40 GMT

इंसानी मस्तिष्क (Human Brain) को वैज्ञानिक दुनिया की सबसे रहस्यमयी चीजों में से एक मानते हैं. उसके काम करने के तरीकों पर सदियों से शोध हो रहा है. वैज्ञानिक इस दिमाग के विकास (Evolution of brain) को समझने का भी प्रयास कर रहे हैं. मानव मस्तिष्क विकास क्रम को समझने के प्रयास में हुए शोध ने उसके अहम हिस्से सेरिबैलम (Cerebellum) की भूमिका पर रोशनी डाली है


गवेरा का कहना है कि उनके अध्ययन के नतीजे मानव मस्तिष्क (Human Brain) विकास में सेरिबैलम (Cerebellum) की अहम भूमिका की पुष्टि करते हैं और सुझाते है कि इससे पहले जो मानव मस्तिष्क आवरण को अलग करने वाली विशेषताएं थी वे केवल वहीं तक सीमित नहीं थी. अध्ययन यह भी सुझाता है कि भविष्य में होने वाले शोधों को इस पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए कि सेरिबैलम से ज्यादा गहरा संपर्क कैसे मानव की सोच को प्रभावित करता है

सेरिबैलम (Cerebellum) के बारे में माना जाता था कि इसकी भूमिका संयोजनात्मक गतिविधि (Cognitive Activity) से ही जुड़ी होती थी. लेकिन मानव मस्तिष्क (Human Brain) के इस अध्ययन से पता चला है कि सेरिबैलम के विकास क्रम के दौरान बदलावों ने उसके सांस्कृतिक, भाषा और उपकरण उपयोग क्षमता के विकास में भूमिका निभाई है ड्यूक यूनिवर्सिटी की ईलेन गवेरा और उनके साथियों के इस अध्ययन के नतीजे हाल ही में PLOS जर्नल में प्रकाशित हुए हैं

वैज्ञानिक लंबे समय से इस बात का अध्ययन कर रहे है कि इंसान ने सोचने और सीखने की बेहतरीन क्षमता का विकास कैसे किया. इस अध्ययन के लिए उन्होंने ज्यादातर ध्यान मस्तिष्क (Brain) के आवरण के अंदर के हिस्से (Prefrontal Cortex) देते रहे. यह दिमाग का अहम हिस्सा है जो नैतिक तर्क, निर्णय लेने की क्षमता जैसे कार्यों के लिए जिम्मेदार माना जाता है. लेकिन हाल ही में सेरिबैलम (Cerebellum) पर ज्यादा ध्यान दिया जाने लगा क्योंकि उसकी मानव ज्ञानसंबंधी कार्यों में भूमिका ज्यादा होती है

गेवरा और उनकी टीम ने सेरिबैलम और मस्तिष्क (Brain) के आवरण के अंदर के हिस्से (Prefrontal Cortex) के विकास की पड़ताल की. इसके लिए उन्होंने मानव, चिम्पांजी और रीसस मकैकी बंदर के मस्तिष्कों का अध्ययन किया. शोधकर्ताओं ने खास तौर पर इन तीन प्रजातियों में दो तरह के मस्तिष्क ऊतकों के जीनोम (Genome) की पड़ताल की. ये बदलाव डीएनए सीक्वेंस को नहीं बदलते लेकिन जीन कौन सी जीन सक्रिय या निष्क्रिय होगी यह असर जरूर डालते हैं साथ ही ये भावी पीढ़ियों तक भी वंशानुगत तरीके से पहुंचते रहते हैं.

चिम्पांजी और रीसस मकैकी बंदर की तुलना में इंसान के आवरण के अंदर के पीछे के हिस्से में (prefrontal cortex) की तुलना में सेरिबैलम (Cerebellum) में जेनेटिक्स के इतर अंतर (Epigenetic Differences) ज्यादा दिखे. इससे मानव मस्तिष्क विकास में सेरिबैलम की भूमिका का महत्व पता चला. ये अंतर मस्तिष्क विकास, मस्तिष्क जलन, फैट मैटाबॉलिज्म और तंत्रिकाओं के बीच संबंध की तात और कमजोरी से संबंधित जीन्स में ज्यादा दिखाई दिए

इस नए अध्ययन में जिन अंतरों (Epigenetic Differences) की पहचान की गई वे हमारे दिमाग (Brain) की क्रियाओं और उसके ग्रहणशीलता की क्षमता को समझने के लिहाज से बहुत अहम हैं. इन अंतरों का संबंध उम्र और बीमारी से भी है. कुल मिलाकर इस अध्ययन से मानव मस्तिष्क के विकास में सेरिबैलम (Cerebellum) के महत्व की पुष्टि हुई है


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