विज्ञान से उम्मीद
साल 2022 में विज्ञान ने हमें खूब सहारा दिया और कुछ अलग हटकर सोचने का मौका भी। इसमें कोई संदेह नहीं कि महामारी के समय विज्ञान के प्रति लोगों का भरोसा बहुत बढ़ा है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | साल 2022 में विज्ञान ने हमें खूब सहारा दिया और कुछ अलग हटकर सोचने का मौका भी। इसमें कोई संदेह नहीं कि महामारी के समय विज्ञान के प्रति लोगों का भरोसा बहुत बढ़ा है और समाज को इससे व्यापक फायदे भी हो रहे हैं। हर व्यक्ति प्रौद्योगिकी पर अब पहले से कहीं अधिक भरोसा करने लगा है, इससे समाज के डिजिटलीकरण को सबसे ज्यादा बल मिला है। इसमें कोई संदेह नहीं कि इस साल विज्ञान जगत में भी सबसे ज्यादा चिंता महामारी की हुई है। ओमीक्रोन और उससे मिलते-जुलते वेरिएंट समस्या बने हुए हैं, साल की शुरुआत में भारत में और साल के जाते-जाते चीन में इस वेरिएंट ने वैक्सीन की क्षमता पर सवाल पैदा कर दिए हैं। अमेरिका तो इस वायरस से शायद उबर ही नहीं पा रहा है। वैज्ञानिकों ने समझ लिया है कि कोरोना को भगाने के लिए और गहरे उतरकर शोध करना पड़ेगा। स्पेनिश फ्लू महामारी तो दो साल बाद ठंडी पड़ गई थी, लेकिन कोविड-19 को तीन साल बाद भी चैन नहीं आया है। 18 मार्च 2020 के बाद से आज तक दुनिया में कोई दिन ऐसा नहीं बीता है, जब 1000 से कम लोगों की इससे मौत हुई हो।