तंबाकू का उपयोग इंसान हजारों सालों से करता आ रहा है. हाल ही में उत्तरी अमेरिका के उटा में पुरातत्वविदों के एक दल ने 12 हजार साल पुरानी तंबाकू के बीज खोजे हैं. ये बीज ग्रेट सॉल्ट लेक डेजर्ट में मिले. तंबाकू के उपयोग का सबसे पुराना सबूत मिला है. यानी अमेरिका में रहने वाले उस समय के प्राचीन इंसानों ने तंबाकू का उपयोग उस समय किया होगा. उपयोग किस तरह का रहा होगा यह बता पाना पुरातत्वविदों के लिए फिलहाल कठिन है.
तंबाकू (Tobacco) कुछ ऐसे पौधों में आता है, जिसका इंसान उपयोग और दुरुपयोग दोनों करते हैं. इसका सामाजिक और आर्थिक असर पड़ता है. इसने किसी जमाने में प्राचीन माया सभ्यता के समय पवित्र मुकाम हासिल किया हुआ था. इसका उपयोग चिकित्सा में होता था. इसके अलावा प्राचीन अमेरिकी लोग अपने कोलोनियल इकोनॉमी को बढ़ाने के लिए इसका उपयोग करते थे. ये बात तब की है जब अमेरिका ने दुनिया की खोज करनी शुरु की थी.
धूम्रपान करने, चबाने और सूंघने के अलावा तंबाकू का उपयोग दुनिया भर में अलग-अलग तरह से होता आया है. उदाहरण के लिए प्रचीन माया सभ्यता में इसका उपयोग एनेमा (Enema) के लिए किया जाता था. 18वीं सदी में इंग्लैंड के डॉक्टर पानी में डूबने वाले लोगों को बचाने के लिए तंबाकू स्मोक कराते थे. ताकि उनकी जान बचाई जा सके.
अभी तक इंसानों द्वारा तंबाकू उपयोग का सबसे पुराना सबूत 3300 साल पहले का मिला था. अलबामा में एक स्मोकिंग पाइप मिली थी, जो इतने साल की थी. यह खोज 2018 में जर्नल ऑफ आर्कियोलॉजिकल साइंसः रिपोर्ट्स में प्रकाशित हुई थी. लेकिन अब वैज्ञानिकों को जो उटा के ग्रेट सॉल्ट लेक डेजर्ट में जो सबूत मिले हैं वो 12 हजार साल पुराने हैं. इस नमकीन रेगिस्तान में तंबाकू के अत्यधिक प्राचीन बीज मिले हैं.
नई खोज के लिए पुरातत्वविदों ने ग्रेट सॉल्ट लेक डेजर्ट में मौजूद हंटर-गैदरर कैंप के मिट्टी को खोदना शुरु किया. तेज हवा ने मिट्टी की परत हटाने में उनकी मदद की. इस खोज के नेतृत्वकर्ता और पुरातत्वविद डैरोन ड्यूक ने कहा कि यह ऐतिहासिक खोज है. इस जगह पर प्राचीन लोग आग जलाते थे. इसके आसपास काफी मात्रा में प्राचीन बर्तन और कलाकृतियों के अवशेष मिले हैं.
डैरोन ने बताया कि ये बर्तन आमतौर पर बड़े शिकार के बाद भोज के लिए उपयोग में लाए जाते थे. क्योंकि इन बर्तनों में हमें 2000 से ज्यादा हड्डियां और हड्डियों के टुकड़े मिले हैं. ज्यादातर हड्डियां बत्तखों की है. यानी उस समय के लोग बत्तखों को मारकर खाते थे. आग लगाने के लिए यहीं पर हमें प्राचीन विलो वुड मिला है. इसे रगड़ कर आग पैदा की जाती रही होगी. जब पुरातत्वविदों ने इस लकड़ी और इसके आसपास मिले तंबाकू के बीजों की कार्बन डेटिंग कराई तो ये 12,300 साल पुराने निकले.
पुरातत्वविदों को इस जगह से तंबाकू के सिर्फ चार बीज मिले थे. ये बीज जले हुए थे. डैरोन ने बताया कि तंबाकू के बीज का मिलना हमारे लिए किसी सरप्राइज से कम नहीं था. क्योंकि हमने इसकी उम्मीद भी नहीं की थी. हालांकि डैरोन और उनके साथी यह नहीं बता सकते कि यहां मौजूद प्राचीन लोग तंबाकू का उपयोग किस तरह से करते थे. लेकिन उपयोग तो होता था. हो सकता है लोग इसे पीते रहे हों या फिर चबाते रहे हों.
डैरोन ड्यूक ने कहा कि लोग ये सवाल उठा सकते थे कि हो सकता है ये बीज बत्तखों के पेट से निकले हो. लेकिन असल मुद्दा ये है कि बत्तखें और पक्षी तंबाकू के बीज या पत्ते नहीं खाते. तंबाकू में लकड़ी जैसा पदार्थ कम होता है, इसलिए वह तेजी से जलता है. यह हो सकता है कि इसका उपयोग चूल्हे की आग जलाने के लिए किया जाता रहा हो. क्योंकि ये तेजी से जलता है. यह आग को बढ़ावा देता है.
डैरोन ने बताया कि तंबाकू इंसानों द्वारा उगाए जाने वाले घरेलू पौधों की शुरुआती सूची में जरूर शामिल रहा होगा. क्योंकि इसके फायदे कई प्रकार के हैं. दुनियाभर में तंबाकू की फसल, उसके उत्पादन और उपयोग को लेकर कई तरह की सांस्कृतिक और सामाजिक मान्यताएं हैं. लेकिन तंबाकू का उपयोग न हो ऐसा किसी देश में नहीं होता.
डैरोन ने कहा कि अगर दुनिया के अन्य स्थानों पर भी पुरातत्वविद अपने खोज के समय तंबाकू के सबूतों पर ध्यान दें तो हो सकता है कि हमें कुछ नए खुलासे मिले. हो सकता है कि इसका उपयोग और पहले से होता आ रहा हो. फिलहाल हम तंबाकू की प्राचीनता और उसके देसीपन के इतिहास की खोज कर रहे हैं. हमें जैसे ही कुछ और सबूत मिलेंगे हम दुनिया को इसके बारे में बताएंगे. यह स्टडी 11 अक्टूबर को नेचर ह्यूमन बिहेवियर जर्नल में प्रकाशित हुई है.