बच्चों के लिए जून तक आ जाएगा कोरोना का टीका, जर्मन दवा कंपनी बायोएनटेक ने किया ऐलान...
पूरी दुनिया में कहर मचा रही कोरोना की दूसरी लहर के बीच एक अच्छी खबर आई है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| पूरी दुनिया में कहर मचा रही कोरोना की दूसरी लहर के बीच एक अच्छी खबर आई है। जल्द ही बच्चों के लिए भी इस घातक बीमारी से बचने के लिए वैक्सीन आ जाएगी। दरअसल, जर्मनी की दवा कंपनी बायोएनटेक का कहना है कि वह यूरोप में 12 से 15 साल के बच्चों के लिए जून में कोरोना की वैक्सीन लॉन्च करेगी।
फाइजर और उसकी सहयोगी जर्मन कंपनी बायोएनटेक ने इसी साल मार्च के अंत में यह दावा किया था कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन 12 साल से बड़ी उम्र के बच्चों के लिए भी पूरी तरह सुरक्षित और व्यस्कों की तरह ही कोराना वायरस महामारी का असर रोकने में कारगर है। कंपनी ने 12 से 15 साल की उम्र वाले 2260 अमेरिकी वॉलेंटियरों को कोरोना की वैक्सीन देने के बाद सामने आए प्राथमिक डाटा के आधार पर यह दावा किया।
स्कूली बच्चों के लिए अहम कदम
फाइजर का यह दावा स्कूलों में बच्चों को वापस लौटाने की दिशा में बेहद अहम माना जा रहा है। फाइजर के सीईओ अर्ल्बअ बौरला ने कहा कि उनकी कंपनी जल्द ही 12 साल से बड़ी उम्र के बच्चों के लिए वैक्सीन उपयोग की आपातकालीन मंजूरी मांगने के लिए यूएसएफडीए और यूरोपीय नियामकों के पास आवेदन दाखिल करेगी।
फाइजर का पहला चरण 100% प्रभावी
फाइजर ने बताया कि 12 से 15 वर्ष की आयु के बच्चों में उनका टीका 100% प्रभावी है। कंपनी ने दावा किया कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन 12 साल से बड़ी उम्र के बच्चों के लिए भी पूरी तरह सुरक्षित और व्यस्कों की तरह ही कोराना वायरस महामारी का असर रोकने में कारगर है। फाइजर ने 12 से 15 साल की उम्र वाले 2260 अमेरिकी वालंटियरों को कोविड-19 वैक्सीन देने के बाद सामने आए प्राथमिक डाटा के आधार पर यह दावा किया है। फाइजर का यह दावा स्कूलों में बच्चों को वापस लौटाने की दिशा में बेहद अहम माना जा रहा है।
कई कंपनियां बना रहीं टीका
- करीब आधा दर्जन से अधिक कंपनियां बच्चों के लिए कोरोना वायरस से बचाव का टीका बाजार में उतारने की होड़ में जुटी हैं।
- अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना भी 12 से 17 साल तक के बच्चों पर वैक्सीन के प्रभाव को लेकर शोध कर रही है।
- एस्ट्राजेनेका पिछले महीने ही ब्रिटेन में 6 से 17 साल तक की उम्र वाले बच्चों पर अपनी वैक्सीन के प्रभाव पर शोध शुरू कर चुकी है।
छह माह के बच्चे को भी लग सकेगा टीका
अमेरिका की दवा निर्माता कंपनी फाइजर और मॉडर्न ने माता-पिता की सहमति से छह माह के बच्चे पर टीका परीक्षण शुरू कर दिया है। दोनों कंपनियों ने दावा किया है कि नया टीका नवजात शिशु के लिए भी कारगर रहेगा।
फाइजर ने बच्चों के टीके के दूसरे फेज का ट्रायल भी शुरू कर दिया है। इस परीक्षण में पांच हजार बच्चों को शामिल किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक अगर सब कुछ सही रहा तो जल्द ही टीका बाजार में आ जाएगा। मॉडर्न के मुख्य जांचकर्ता डॉ स्टीव प्लैम्पटन ने बताया कि शोधकर्ता छोटे बच्चों के साथ मानव परीक्षण शुरू कर वैक्सीन का रिस्पॉन्स देखना चाहते हैं। मानव परीक्षण में शामिल हर बच्चे को 28 दिन के अंतराल पर दो डोज लगाया जाएगा, जैसा कि वर्तमान में वैक्सीन लेने वाले व्यस्कों के साथ किया जा रहा है।
दो हिस्सों में होगा शोध
मॉडर्ना ने अपने शोध को दो हिस्सों में करने की बात कही है। पहले हिस्से में 2-12 साल के बीच बच्चे शामिल होंगे और उन्हें दो डोज लगाया जाएगा। कंपनी ने कहा कि हर डोज 50 या 100 माइक्रोग्राम होगा। दूसरे हिस्से में 2 साल से कम उम्र के बच्चों को 25, 50 या 100 माइक्रोग्राम का दो डोज दिया जा सकता है। परीक्षण के दूसरे चरण में चुनिंदा डोज बच्चों को लगवाया जाएगा। शोधकर्ता वैक्सीन के असर को जांचने के लिए दूसरे टीकाकरण के बाद प्रतिभागियों की एक साल मॉनिटरिंग करेंगे। उसके बाद अंतिरम विश्लेषण इस बात का पता लगाने के लिए किया जाएगा कि सबसे अच्छा डोज हर ग्रुप के लिए क्या हो।