इन दवाओं के संयोजन से कम हो सकती है कोरोना संक्रमण, वैज्ञानिकों का दावा
कोरोनावायरस संक्रमण से सुरक्षा के लिए वैज्ञानिक प्रभावी वैक्सीन और दवाइयों के निर्माण के लिए लगातार प्रयासरत हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोनावायरस संक्रमण से सुरक्षा के लिए वैज्ञानिक प्रभावी वैक्सीन और दवाइयों के निर्माण के लिए लगातार प्रयासरत हैं। कुछ दवाइयों पर किए गए अध्ययनों में संक्रमण की रोकथाम के अच्छे संकेत भी मिले हैं। इस बीच कोरोना से बचाव के लिए दवाइयों के निर्माण में लगी वैज्ञानिकों की एक टीम को बड़ी कामयाबी मिली है। अध्ययनकर्ताओं ने कोरोनावायरस संक्रमण के खिलाफ नए दवाओं के संयोजन के असरदार साबित होने का दावा किया है। जानवरों पर किए गए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि दो एंटीवायरल दवाओं ड्रग्स नेफामोस्टैट और पेगासिस के संयोजन से सार्स-सीओवी-2 वायरस से होने वाले संक्रमण को कम करने में मदद मिल सकती है, जिससे कोविड-19 के खतरे को कम किया जा सकता है।
अध्ययन से प्राप्त परिणामों के आधार पर वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना के रोगियों को अगर समय रहते उचित मात्रा में इन दवाओं का संयोजन दिया जाए तो बीमारी को गंभीर रूप लेने से रोका जा सकता है। यह दवाएं शरीर में कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोकने में कारगर साबित हुई हैं। आइए आगे की स्लाइडों में इस अध्ययन के बारे में विस्तार से जानते हैं।
दवाओं के संयोजन के दिखे अच्छे परिणाम
जर्नल वाइरस में प्रकाशित प्रारंभिक परीक्षण के परिणामों में पाया गया कि एंटीवायरल ड्रग्स नेफामोस्टैट और पेगासिस कोरोना संक्रमण की गंभीरता को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। नॉर्वेजियन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एनटीएनयू) के प्रोफेसर डेनिस कैनोव ने कहते हैं, अध्ययन में इन दवाओं के संयोजन के इस्तेमाल के अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। अध्ययन के दौरान इन दवाओं का प्रभाविकता और असर को जानने के लिए सेल कल्चर और हैम्स्टर्स में अध्ययन किए गए हैं। इस आधार पर वैज्ञानिकों का कहना है कि यह संयोजन मनुष्यों पर कितना असरदार होगा, इस बारे में स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है, हालांकि इससे कोरोना की प्रभावी दवा बनाने की दिशा में एक रास्ता जरूर बनता है।
वायरल प्रतिकृति रोक देगी यह दवा
एनटीएनयू के के प्रोफेसर मैग्नर बोजोरस बताते हैं, अध्ययन में पाया कि नेफामोस्टैट और पेगासिस, दोनों दवाएं शरीर में वायरल प्रतिकृति को बनाने से रोकने में मदद कर सकती हैं। यह दवाएं कोशिकाओं में TMPRSS2 नामक एक कारक पर हमला करती हैं, जो वायरल को बढ़ाने में सहायक हो सकती है। इस तरह से संक्रमण के बाद वायरल लोड को इन दवाओं से आसानी से कम किया जा सकेगा।
इस अध्ययन के परिणाम को इसलिए भी ज्यादा खास माना जा रहा है क्योंकि कोरोना संक्रमण में नेफामोस्टैट दवा के प्रभाव को जानने के लिए वैज्ञानिकों की एक टीम पहले से ही अध्ययन कर रही थी। फिलहाल इस दवा को कोविड-19 रोगियों में मोनोथेरेपी के रूप में उपयोग में लाया जा रहा है, वहीं जापान सहित कई अन्य देशों में इस दवा के प्रभाव को जानने के लिए शोध किए जा रहे हैं।
दवा के डोज को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण
अध्ययन के बारे में एनटीएनयू के डॉक्टरेट रिसर्च फेलो अलेक्सांद्र इनेव्स्की कहते हैं, इन दवाओं की मात्रा को ध्यान में रखना बहुत आवश्यक होगा। फिलहाल जो परिणाम सामने आए हैं उसके आधार पर कहा जा सकता है कि रोगियों के लिए बेहतर परिणाम प्राप्त करने और किसी प्रकार के जोखिम से बचे रहने के लिए दवा के संयोजन की लो डोज ज्यादा असरदार हो सकती है। अगर उचित मात्रा में इन दवाओं के संयोजन को प्रयोग में लाया जाए तो इससे कोरोना संक्रमित की जान बचाई जा सकती है। इनेव्स्की कहते हैं नेफामोस्टैट अपेक्षाकृत सस्ती दवा है, जबकि पेगासिस का नकारात्मक पक्ष इसकी उच्च लागत है।