क्या ब्लैक होल बदल सकते हैं व्हाइट होल में? जानिए

ब्लैक होल ऐसा पिंड हैं जहां सब कुछ समा जाता है जिसकी वजह से वह या उसके अंदर का कुछ भी दिखाई नहीं देता है

Update: 2022-04-05 17:01 GMT
ब्लैक होल (Black Hole) ऐसा पिंड हैं जहां सब कुछ समा जाता है जिसकी वजह से वह या उसके अंदर का कुछ भी दिखाई नहीं देता है. इसी कारण से उसका नाम ब्लैक होल पड़ा है. लेकिन क्या ब्लैक होल के उलट कोई व्हाइट होल (White Hole) होता है और अगर ऐसा है तो क्या ब्लैक होल व्हाइट होल में बदल सकता है. यह सवाल बचकाना लग सकता है लेकिन विज्ञान के पास भी ऐसे सवालों की व्याख्या होती है. और खगोलविज्ञान (Cosmology) के पास इस सवाल का अच्छा खासा वैज्ञानिक आधार वाला जवाब है कि व्हाइट होल के होने की संभावना कितनी है और क्या ब्लैक होल उनमें कभी बदल भी सकते हैं
क्या है व्हाइट होल की अवधारणा
सबसे पहले तो हम पहले यह समझें कि ब्लैक होल इस तरह के किसी भी पिंड में नहीं बदल सकते हैं. दूसरी ओर व्हाइट होल वैज्ञानिकों परिकल्पना है, लेकिन वे हो सकते हैं यहां तक कि ऐसे संकेत भी मिले हैं कि वे हो सकते हैं. व्लाइट होल ब्लैक होल का उलट होता है. यानि यदि समय पीछे की ओर जाने लगे तब ब्लैक होल व्हाइट होल की तरह ही दिखेंगे. उन्हें सीधी तौर पर खारिज नहीं किया जा सकता है.
ब्लैक होल क्या होते हैं
तो पहले ब्लैक होल को समझें. ब्लैक होल अंतरिक्ष में बहुत ही भारी लेकिन संघनित पिंड होते हैं. इनका गुरुत्वाकर्षण बल इतना अधिक होता है कि ये प्रकाश तक को अपने अंदर खींचने की क्षमता रखते हैं. नतीजा इनके अंदर का हमें कुछ भी दिखाई नहीं दे पाता है इसलिए इन्हें ब्लैक होल कहते हैं. ये सभी कुछ खा जाने के लिए और दुनिया के सबसे रहस्मयी पिंडों के तौर भी बदनाम हैं.
तो व्हाइट होल क्या होते हैं
अगर हम ब्लैक होल से सुरक्षित दूर पर अपने अंतरिक्ष यान में ब्लैक होल की मूवी बनाकर उसे देखेंगें तो ब्लैक होल से कुछ भी बाहर आता नहीं दिखाई देगा. हम देखेंगे कि ब्लैक होल के पास जो भी आता है वह उसी में समा जाता है. यहां तक कि ब्लैक होल पास के तारे को निगल लेंगे. लेकिन जब हम इस मूवी को उल्टा चलाएं तो जो भी हम देखें वह पिंड व्हाइट होल होगा.
कैसे काम करता है व्हाइट होल
हम देखेंगे कि एक बहुत ही भारी पिंड से अचानक एक पूरा का पूरा तारा बाहर आ जाएगा और उसमें से प्रकाश के साथ कई बहुत सी चीजें निकलती दिखेंगी. ऐसी ही पिंड की अवधारणा व्हाइट होल की अवधारणा होती है. जहां अब ब्लैक होल के अस्तित्व के प्रमाण मिलने लगे हैं, व्हाइट होल जैसे पिंड अभी तक नहीं देखे जा सके हैं.
तो व्हाइट होल की बात आई कहां से
लेकिन सवाल ये है कि आखिर व्हाइट होल के बारे में सोचा ही क्यों जाता है. इसकी वजह महान भौतिकविद और गणितज्ञ अल्बर्ट आइंस्टीन हैं. उन्हीं के सिद्धांतों ने ब्लैक होल की अवधारणा दी थी. उन्हीं के विचारों के अनुसार व्हाइट होल भी संभव हैं. ऐसे में यह सवाल काफी जायज है कि क्या हमारे ब्रह्माण्ड में व्हाइट होल बन सकते हैं या ब्लैक होल व्हाइट होल में बदल सकते हैं. अभी इसी संभावना ना लगे, लेकिन अभी इस धारणा को खारिज भी नहीं किया जा सकता है.
ब्रह्माण्ड की दिशा के कारण
व्हाइट उल्टी धारणा है इसलिए ये संभव नहीं है. क्योंकि फिलहाल ऐसा कुछ नहीं है जिससे समय पीछे की ओर जा सके तभी व्हाइट होल दिखाई दे सकें. फिलहाल हम ब्रह्माण्ड को एक ही दिशा में जाते देख रहे हैं वह भी आगे की ओर. लेकिन व्हाइट होल केवल एक रोचक संभावना भर हैं. लेकिन एक और मजेदार बात यह है कि ब्रह्माण्ड खुद दूसरी दिशा में जा सकता है. यानि कई वैज्ञानिकों का मानना है कि उल्टी दिशा वाले ब्रह्माण्ड का भी अस्तित्व हो सकता है जहां समय पीछे की ओर जा रहा हो.
एक शोध में कहा गया है कि बहुत संभव है कि बिग बैंग के पहले से ही एक और ब्रह्माण्ड का अस्तित्व रहा हो जिसमें समय पीछे की ओर जा रहा है. अगर ऐसा वाकई है और यह सिद्ध हो सका तो फिर व्हाइट होल की अवधारणा कल्पना नहीं रह जाएगी. फिलहाल व्हाइट होल का अस्तित्व हमारे ब्रह्माण्ड में संभव नहीं दिख रहा है और ना ही वे ब्लैक होल का भविष्य हो सकते हैं. वहीं कई वैज्ञानिक यह भी कह रहे हैं कि व्हाइट होल और ब्लैक होल एक ही सिक्के के दो पहलू हो सकते हैं.
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