ऐस्ट्रोनॉमर्स ने साल 2020 में देखा था धूमकेतु ATLAS, अब वैज्ञानिकों ने किया ये बड़ा दावा

नासा की रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 5000 साल पहले सूरज के 2.3 करोड़ मील पास एक धूमकेतु पहुंच गया था

Update: 2021-08-24 09:44 GMT

नासा (NASA) के वैज्ञानिकों ने एक नई स्टडी की है. अमेरिकी स्पेस एजेंसी की नई स्टडी में हबल स्पेस टेलिस्कोप की मदद से ऐस्ट्रोनॉमर्स ने ये दावा किया है कि धूमकेतु ATLAS एक 5 हजार साल पुराने धूमकेतु का हिस्सा है.

प्राचीन धूमकेतु का हिस्सा
धूमकेतु ATLAS की खोज सबसे पहले Asteroid Terrestrial-impact Last Alert System (ATLAS) ने की थी. इसे यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई से ऑपरेट किया जाता है. ऐस्ट्रोनॉमर्स ने साल 2020 में धूमकेतु ATLAS को (C/2019 Y4) देखा था और माना जाता है कि यह उसी प्राचीन धूमकेतु का हिस्सा था. यह 2020 के मध्य में ही खत्म हो गया था और छोटे-छोटे बर्फीले टुकड़ों में बंट गया था.
नासा की रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 5000 साल पहले सूरज के 2.3 करोड़ मील पास एक धूमकेतु पहुंच गया था. ऐसा माना जाता है कि यूरेशिया से लेकर उत्तरी अफ्रीका में शायद इसे देखा भी गया होगा, लेकिन इसका जिक्र कहीं नहीं मिलता.
सूरज के पास से कैसे गुजरा धूमकेतु?
स्पेस एजेंसी NASA के हबल स्पेस टेलिस्कोप की मदद से वैज्ञानिकों ने बताया है कि ATLAS, 5 हजार साल पुराने धूमकेतु का हिस्सा है. कॉलेज पार्क की यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड के ऐस्ट्रोनॉमर्स ने बताया कि ATLAS उसी ट्रैक पर है, जिसपर 1844 में एक धूमकेतु को देखा गया था. वैज्ञानिकों का मानना है दोनों धूमकेतु एक ही पैरेंट धूमकेतु से आए हो सकते हैं.
वैज्ञानिकों के मुताबिक, ATLAS जब धरती के मुकाबले सूरज से ज्यादा दूर करीब 10 करोड़ मील पर था, तब वो टूटा होगा. हालांकि ये भी एक सवाल है कि अगर यह अपने पैरेंट से बहुत दूर टूटा था तो सूरज के पास से कैसे गुजरा होगा?
बचा हुआ हिस्सा 50वीं सदी से पहले नहीं लौटेगा
ऐस्ट्रोनॉमिकल जर्नल में छपी स्टडी के मुताबिक, ATLAS का एक हिस्सा कुछ दिन में टूट गया और दूसरा कई हफ्तों बाद. एक संभावना यह है कि आतिशबाजी की तरह यह धूमकेतु फट गया होगा. वैज्ञा​निकों के मुताबिक, ATLAS को समझना बहुत मुश्किल है ​और इसका बचा हुआ हिस्सा 50वीं सदी से पहले नहीं लौटेगा.
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