जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का एक और कमाल, 3 दशक बाद नेप्च्यून रिंग्स की सबसे साफ तस्वीर
नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने एक और कमाल किया है. नासा ने इसके द्वारा ली गई एक नई तस्वीर जारी की है. यह तस्वीर नेपच्यून ग्रह की है जिसमें उसकी रिंग्स भी नजर आ रही है
नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने एक और कमाल किया है. नासा ने इसके द्वारा ली गई एक नई तस्वीर जारी की है. यह तस्वीर नेपच्यून ग्रह की है जिसमें उसकी रिंग्स भी नजर आ रही है. यह 30 से अधिक सालों में सबसे साफ तस्वीर है. मालूम हो कि नेपच्यून की सबसे साफ और नजदीक की तस्वीर तब देखी गई थी जब साल 1989 में वायेजर 2 स्पेसक्राफ्ट ने ग्रह के पास से उड़ान भरी थी. वेब टेलीस्कोप द्वारा ली गई इस तस्वीर में कई चमकीली रिंग्स के अलावा धुंधली धूल वाली बैंड भी दिख रही है.
नेपच्यून सिस्टम एक्सपर्ट हेइडी हैमेल ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि हमने आखिरी बार इन धुंधली, धुल भरी रिंग्स को तीन दशक पहले देखा था. यह पहली बार है हमने इन्हें इन्फ्रारेड में देखा है. टाइम्स नाउ की एक रिपोर्ट के अनुसार यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) ने कहा कि 1846 में अपनी खोज के बाद से नेपच्यून ने शोधकर्ताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के साथ-साथ हैरान भी किया है.
गौरतलब है कि नेपच्यून हमारे ग्रह यानी पृथ्वी की तुलना में सूर्य से 30 गुना दूर स्थित है. इसके साथ ही हम हमेशा नेपच्यून को नीले ग्रह के रूप में देखते हैं. ऐसा मीथेन की उपस्थिति के कारण होता है. यह बृहस्पति और शनि ग्रह की तुलना में हाइड्रोजन और हीलियम जैसे भारी तत्वों में समृद्ध है.
लेकिन जब हम जेम्स वेब टेलिस्कोप से नियर-इन्फ्रारेड कैमरा इमेज में देखते हैं तो नेपच्यून नीला नहीं दिखाई देता है. इसका कारण है कि यह नियर-इंफ्रारेड रेंज में लाइट को कैप्चर करता है. इन तमाम बातों के अलावा इस तस्वीर में एक पतली चमकीली लाइन भी भूमध्य रेखा का चक्कर लगाते हुए देखी जा सकती है. नेपच्यून का ऑर्बिट 164 वर्ष का है, जिस कारण इसका उत्तरी ध्रुव अच्छे से नहीं दिख पाता है. लेकिन पहली बार वेब टेलिस्कोप इसकी इस तरह की तस्वीर ले पाया है.