नासा का कमाल: जारी की Black hole की काफी डरावनी आवाजें, एक क्लिक में सुने
केंब्रिज: शोधकर्ताओं ने मिल्की वे (Milky Way) में ईको करने वाले (Echoing) ब्लैक होल सिस्टम का पता लगाया है. ब्लैक होल की ये आवाजें काफी डरावनी सुनाई पड़ती हैं. दिलचस्प बात यह है कि इससे आकाशगंगा (Galaxy) के विकास में ब्लैक होल (Black Hole) की भूमिका के बारे में भी पता चलता है.
ब्लैक होल का गुरुत्वाकर्षण खिंचाव इतना मजबूत होता है कि प्रकाश भी नहीं बच पाता. ब्लैक होल अक्सर ज्यादा गर्म गैस और धूल से घिरे होते हैं, जिन्हें एक्रीशन डिस्क (Accretion Disk) कहा जाता है. जब एक ब्लैक होल में यह सामग्री जाती है, तो तेज एक्स-रे लाइट (X-Ray Light) उत्पन्न होती है, और ईको (Echo) या गूंज होती है.
मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Massachusetts Institute of Technology- MIT) के शोधकर्ताओं ने एक स्टडी की जिसमें आठ नए गूंजने वाले ब्लैक होल बायनरीज़ (Black Hole Binaries) का पता लगाया है. इसके लिए शोधकर्ताओं ने रिवरबेरेशन मशीन (Reverberation Machine) नाम के टूल का इस्तेमाल किया. यह एल्गोरिथम नासा के न्यूट्रॉन स्टार इंटीरियर कंपोजिशन एक्सप्लोरर Neutron star Interior Composition Explorer (NICER) के डेटा का विश्लेषण करता है.
NICER ब्लैक होल और न्यूट्रॉन सितारों (Neutron Stars) जैसे स्रोतों से एक्स-रे उत्सर्जन का अध्ययन करता है. इन आंकड़ों के इस्तेमाल से, टीम के एल्गोरिथ्मने 26 ब्लैक होल एक्स-रे बायनरीज़ की पहचान की. ये पहले एक्स-रे विस्फोटों को उत्सर्जित करने के लिए जाने जाते थे. फिर, टीम ने उन्हें 10 सिस्टम तक छोटा किया, जिससे शोधकर्ताओं को एक्स-रे ईको को समझने में आसानी हुई.
पहचाने गए आठ सिस्टम्स में, शोधकर्ताओं ने पाया कि ब्लैक होल का द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान से पांच से 15 गुना अधिक था. साथ ही, सभी ब्लैक होल सूर्य जैसे तारों पर जीवित थे. इन डेटा का इस्तेमाल करके, टीम ने ब्लैक होल के विकास कोरी क्रिएट किया और उसके बाद एक्स-रे ईको (X-Ray Echoes) को ध्वनि तरंगों (Sound Waves) में बदल दिया.
इस शोध को द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल (The Astrophysical Journal) में प्रकाशित किया गया है. स्टडी के को-ऑथर और MIT में Physics के असिस्टेंट प्रोफेसर एरिन कारा (Erin Kara) का कहना है कि गैलेक्सी के विकास में ब्लैक होल की भूमिका मॉर्डन एस्ट्रो फिजिक्स में बहुत अहम है. दिलचस्प बात यह है कि ये ब्लैक होल बाइनरी 'मिनी' सुपरमैसिव ब्लैक होल (Mini Supermassive Black Holes) जैसे लगते हैं. इसलिए हम इनसे यह समझ सकते हैं कि सुपरमैसिव ब्लैक होल (Supermassive Black Holes) में इसी तरह के विस्फोट आकाशगंगाओं को कैसे प्रभावित करते हैं.
शोध में शोधकर्ताओं को यह भी पता लगा कि सभी ब्लैक होल बायनरीज़ में एक उच्च-से-निम्न-ऊर्जा अवस्था (High- to Lower-energy State) में Transitional Period लंबा हो गया है. कोरोना और डिस्क के बीच की दूरी भी बढ़ गई है.