शोधकर्ताओं के सहयोग से तैयार किया गया अनोखा माडल, एआई के जरिए होगी अल्जाइमर की सटीक भविष्यवाणी
अल्जाइमर की सटीक भविष्यवाणी के लिए वैज्ञानिकों की एक टीम ने एक माडल विकसित किया है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| अल्जाइमर की सटीक भविष्यवाणी के लिए वैज्ञानिकों की एक टीम ने एक माडल विकसित किया है जो डीप लर्निग पर आधारित है। ब्रेन इमेज के जरिए इससे 99 फीसदी सटीकता के साथ अल्जाइमर की भविष्यवाणी की जा सकेगी। यह शोध डायग्नोस्टिक्स जर्नल में प्रकाशित हुई है।
काउनास यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलाजी (केटीयू) के मल्टीमीडिया इंजीनियरिंग के शोधकर्ता रायटिस मस्केलियुनस बताते हैं कि दुनियाभर में डाक्टर अल्जाइमर के प्रारंभिक चरण में पहचान के लिए जागरुकता बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं ताकि प्रभावित लोगों को इलाज से बेहतर लाभ मिल सके। अल्जाइमर के खतरे का पहला संकेत हल्का विस्मरण होता है, जो उम्र बढ़ने और मनोभ्रंश की अपेक्षित संज्ञानात्मक गिरावट के बीच का चरण है।
मस्तिष्क की स्कैनिंग की: शोधकर्ताओं ने इसके लिए अल्जाइमर से ग्रस्त रोगियों के मस्तिष्क के स्कैन का उपयोग किया है, जिसकी मदद से उनके डीप लर्निंग एल्गोरिदम ने मस्तिष्क में होने वाले संरचनात्मक परिवर्तनों को खोजना सीख लिया है।
एमआरआई इमेज के विश्लेषण पर आधारित
अल्जाइमर के खतरे की भविष्यवाणी का यह तरीका 138 सब्जेक्ट्स के एमआरआइ इमेज के विश्लेषण पर आधारित है, जो पुराने तरीके की तुलना में ज्यादा सटीक, संवेदनशील तथा विशिष्ट है। डीप लर्निग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अन्य तरीके से इसमें तेजी लाई जा सकती है।
सटीकता 99.95 फीसदी रही
यह माडल लिथुआनिया के एआई सेक्टर के शोधकर्ताओं के सहयोग से तैयार किया गया है। इसमें रेसनेट 18 (रेसीड्युअल न्यूरल नेटवर्क) में सुधार कर फंक्शनल एमआरआइ को वर्गीकृत किया गया है। ये इमेज छह अलग-अलग श्रेणियों में बांटे गए, जो एमसीआइ से लेकर अल्जाइमर रोग की स्थिति तक पहुंचने के बीच के थे। इस माडल की सटीकता 99.95 फीसद रही।