14 महीने अंतरिक्ष में बिताकर आई रेड वाइन की एक बोतल, वाइन में हुए हैं कई बदलाव

भले ही आप खुद अंतरिक्ष में ना गए हों लेकिन आपको ऐसी भले ही आप खुद अंतरिक्ष (Space) में ना गए हों लेकिन आपको ऐसी रेड वाइन (Red wine) पीने का मौका मिल सकता है, पीने का मौका मिल सकता है,

Update: 2021-05-24 09:07 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| भले ही आप खुद अंतरिक्ष (Space) में ना गए हों लेकिन आपको ऐसी रेड वाइन (Red wine) पीने का मौका मिल सकता है, जो अंतरिक्ष में 14 महीने बिताकर आई हो. जाहिर है धरती के गुरुत्‍वाकर्षण से दूर एक अलग ही माहौल में इतने समय तक रहने के कारण वाइन में कई आश्‍चर्यजनक बदलाव भी हुए हैं, जिसने इसे और भी खास बना दिया है. हालांकि इस वाइन को पीने के लिए आपको करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ेंगे.

स्‍टार्टअप ने अंतरिक्ष में भेजीं थीं रेड वाइन की बोतलें
स्पेस कार्गो अनलिमिटेड (Space Cargo Unlimited) नाम के एक स्टार्टअप ने रेड वाइन की यह बोतलें अंतरिक्ष में भेजीं थीं. पेट्रस 2000 मर्लोट नाम की यह रेड वाइन अंगूरों से बनी है और आमतौर पर इसकी कीमत 6 हजार डॉलर यानि कि करीब साढ़े 4 लाख रुपये होती है.
एक बोतल की कीमत 7 करोड़ रुपये
हाल ही में एक निजी नीलामी कंपनी क्रिस्टीज ने इन बोतलों को नीलामी के लिए रखा है. फ्रेंच वाइन की एक बोतल की कीमत 1 मिलियन डॉलर (7 करोड़ रुपये से ज्‍यादा) रखी गई है.
अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट @christiesinc के जरिए क्रिस्टी ने लिखा, 'यह पहली बार है जब वाइन ने इंटरनेशनल स्‍पेस सेंटर की यात्रा की है और पृथ्वी के चक्‍कर लगाए हैं. इस दौरान इसकी एक नियंत्रित वातावरण में उम्र भी बढ़ी. यह स्पेस कार्गो अनलिमिटेड द्वारा किए गए प्रयोगों की एक श्रृंखला के हिस्से के रूप में एक तरह का यूरोपीय 'न्यू स्पेस' स्टार्ट-अप है.'
शानदार ट्रंक में रखी गईं हैं बोतलें
पोस्‍ट में आगे लिखा गया है, 'अंतरिक्ष में यात्रा करके आईं पेट्रस की यह अनूठी बोतलें एक अद्वितीय ट्रंक में रखकर दी जाएंगी. इसे पेरिस के मैसन डी'आर्ट्स लेस एटेलियर विक्टर ने बनाया है.'
नीलामी के पैसे से स्‍पेस मिशन को की जाएगी फंडिंग
बोतलों की नीलामी की जानकारी देने वाली इस पोस्‍ट में यह भी कहा गया है कि बोतलों की बिक्री से आने वाले पैसे से भविष्‍य के स्‍पेस मिशन की फंडिंग की जाएगी. क्रिस्टी के वाइन एंड स्पिरिट्स डिपार्टमेंट के अंतरराष्ट्रीय निदेशक टिम टिपट्री ने कहा कि अंतरिक्ष स्टेशन पर शून्य-गुरुत्वाकर्षण वाली स्थिति के एक अलग एंवायरंमेंट में यह वाइन मैच्‍योर हुई है. जाहिर है इसमें हुए बदलाव बहुत अहम हैं और वे आगे की रिसर्च को दिशा देंगे.


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