नवरात्रि में कलश स्थापना से चमकेगी आपकी किस्मत, बस इन बातों का रखें ध्यान
चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व शुरू होने वाला है। इस दौरान मां जगदंबे की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करने से वो अपने भक्तों पर प्रसन्न होती हैं।
चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व शुरू होने वाला है। इस दौरान मां जगदंबे की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करने से वो अपने भक्तों पर प्रसन्न होती हैं। साथ ही उनकी सारी मनोकामनाएं भी पूरी करती हैं। नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा के अलावा कलश स्थापना या घट स्थापना करना बेहद शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कलश में देवी-देवताओं का वास होता है। कलश स्थापना करने से पूजा का शुभ फल मिलता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। धर्मशास्त्रों के अनुसार कलश को सुख-समृद्धि, और मंगल कामनाओं का प्रतीक माना गया है। नवरात्रि के अलावा भी कई मांगलिक कार्यों के शुभारंभ पर कलश स्थापना की जाती है। कलश की स्थापना करने से घर में सुख समृद्धि बढ़ती है। तो चलिए आज जानते हैं कलश स्थापना का महत्व और इसे स्थापित करने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए...
पौराणिक समय से ही पूजा के दौरान कलश को अमृत के समान माना गया है। कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान जो कलश निकाला गया था, पूजा में भी उसी अमृत कलश का इस्तेमाल किया जाता है। अलग-अलग पूजा में अलग-अलग तरीके से कलश स्थापित किया जाता है। वहीं नवरात्रि में कलश स्थापना अधिक फलदायी माना जाता है।
कलश के अंदर पंच पल्लव, जल, दुर्वा, चंदन, पंचामृत, सुपारी, हल्दी, अक्षत, सिक्का, लौंग, इलायची, पान, सुपारी, डाले जाते हैं। इसके बाद कलश के ऊपर रोली से स्वास्तिक बनाया जाता है। इसके अलावा कलश में चारों ओर अशोक के पत्ते लगाएं और स्वास्तिक बनाएं। इसके बाद एक नारियल पर चुनरी लपेटकर कलावा से बांधें और इस नारियल को कलश के ऊपर पर रखते हुए देवी दुर्गा का आहवाहन करें। फिर दीप जलाकर कलश की पूजा करें।
कलश स्थापना से पहले एक बात का ध्यान रखें कि कलश स्टील सा किसी अन्य अशुद्ध धातु का नहीं होना चाहिए। कलश के लिए सोना, चांदी, तांबा, पीतल के धातु के अलावा मिट्टी का घड़ा काफी शुभ माना गया है। इसके अलावा कलश के ऊफर आम के पत्ते जरूर रखें।