नवरात्रि के सातवें दिन ऐसे करें माता की पूजा, शत्रुओं से मिलता है छुटकारा

Update: 2022-04-07 10:31 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |  नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा का विधान है. माता के इस स्वरूप को भयंकर माना जाता है. इनका रंग काला है और ये तीन आखों वाली हैं. मां कालरात्रि हमेशा अपने भक्तों का कल्याण करती हैं, इसलिए इन्हें शुभंकरी भी कहा जाता है. आइए जानते हैं मां कालरात्रि की पूजा विधि, मंत्र, आरती शत्रुओं से छुटकारा पाने के लिए उपाय.

मां कालरात्रि पूजा विधि 
चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन सफेद या लाल वस्त्र पहनकर मां कालरात्रि की पूजा करें. मां कालरात्रि के सामने घी दीपक जलाकर उन्हें लाल फूल अर्पित करें. इसके साथ ही माता को गुड़ का भोग लगाएं. इसके बाद मां कालरात्रि के मंत्रों का जाप करें और संभव हो तो दुर्गा सप्तशती का भी पाठ करें.
मां कालरात्रि मंत्र 
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी
वामपादोल्लसल्लोहलताकंन्टकभूषणा
वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी
या देवी सर्वभू‍तेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
मां कालरात्रि की आरती 
कालरात्रि जय-जय-महाकाली, काल के मुंह से बचाने वाली
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा, महाचंडी तेरा अवतारा
पृथ्वी और आकाश पे सारा, महाकाली है तेरा पसारा
खड्ग खप्पर रखने वाली, दुष्टों का लहू चखने वाली
कलकत्ता स्थान तुम्हारा, सब जगह देखूं तेरा नजारा
सभी देवता सब नर-नारी, गावें स्तुति सभी तुम्हारी
रक्तदंता और अन्नपूर्णा, कृपा करे तो कोई भी दुःख ना
ना कोई चिंता रहे बीमारी, ना कोई गम ना संकट भारी
उस पर कभी कष्ट ना आए, महाकाली मां जिसे बचाए
तू भी भक्त प्रेम से कह, कालरात्रि मां तेरी जय
खास उपाय
नवरात्रि के सातवें दिन विशेष उपाय करने से शत्रुओं के छुटकारा मिल सकता है. इसके लिए 108 बार नवार्ण मंत्र पढ़ते जाएं और एक-एक लौंग मां कालरात्रि को चढ़ाते जाएं. नवार्ण मंत्र है- "ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे". इसके बाद उन 108 लौंग को इकठ्ठा करके अग्नि में डाल दें. मान्यता है कि ऐसा करने से विरोधी और शत्रु शांत हो जाते हैं.


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