Mahashivratri 2025 : भगवान शिव ने लिया था हरिहर स्वरूप, जानें रहस्य

Update: 2025-02-13 06:49 GMT
Mahashivratri 2025 ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू धर्म का प्रमुख पर्व महाशिवरात्रि इस साल 26 फरवरी को देशभर में मनाया जाएगा। जो कि महादेव को समर्पित है इस दिन भक्त भगवान भोलेनाथ की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से शिव शंकर की कृपा प्राप्त होती है।
 महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर हम आपको अपने इस लेख द्वारा भगवान शिव के हरिहर स्वरूप से जुड़ी एक पौराणिक कथा बता रहे हैं जो महादेव के इस स्वरूप के रहस्य को विस्तार से बताता है, तो आइए जानते हैं शिव के हरिहर स्वरूप से जुड़ी
पौराणिक कथा।
 भगवान शिव का हरिहर स्वरूप दो भगवानों को खुद में सामहित किए हुए है। महादेव का यह स्वरूप न केवल देवताओं के एकीकरण का प्रतीक माना गया है बल्कि हरिहर स्वरूप हमें सिखाता है कि भले ही हम विभिन्न रूपों में भगवान को पूजते हो। लेकिन सभी रूप एक ही परमात्मा के अलग अलग पहलू है। हरिहर स्वरूप में भगवान शिव और विष्णु समाहित हैं।
 शिव के हरिहर स्वरूप का रहस्य—
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार ब्रह्माजी और विष्णुजी ने भगवान शंकर की स्तुति की। भगवान शंकर ने प्रसन्न होकर ब्रह्माजी और विष्णुजी से वर मांगने को कहा । ब्रह्माजी ने वरदान मांगा कि आप मेरे पुत्र बने। भगवान शिव ने ब्रह्मा जी से कहा कि 'मैं आपकी इच्छा तब पूर्ण करूंगा, जब आपको सृष्टि-रचना में सफलता नहीं मिलेगी और आपको क्रोध हो जाएगा, तब मैं उसी क्रोध से उत्पन्न होऊंगा। तब मैं ग्यारहवां रुद्र कहलाऊंगा'। फिर भगवान शिव ने विष्णु जी से वरदान माँगने को कहा, तो भगवान विष्णु ने वरदान के रूप में केवल भक्ति मांगी। इससे शिवजी बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने उन्हें अपना आधा शरीर माना । तभी से वे ‘हरिहर’ रूप में पूजे जाते हैं।
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