सीता नवमी पर इस विधि से करें पूजा, वैवाहिक जीवन में आएगा खुशहाल

Update: 2024-05-14 06:18 GMT
नई दिल्ली : पंचांग के अनुसार, हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर सीता नवमी मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता सीता इसी तिथि पर धरती से प्रकट हुई थीं। इसलिए इस तिथि को सीता नवमी के रूप में मनाया जाता है। माना जाता है कि यदि इस दिन सुहागिन महिलाओं द्वारा भगवान राम और माता सीता की विधि-विधान पूर्वक पूजा-अर्चना की जाए, तो इससे अखंड सौभाग्य की प्राप्ति हो सकती है।
सीता नवमी का शुभ मुहूर्त
वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 16 मई 2024 को प्रातः 04 बजकर 52 मिनट पर शुरू हो रहा है। वहीं इस तिथि का समापन 17 मई को सुबह 07 बजकर 18 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार सीता नवमी 16 मई, गुरुवार के दिन मनाई जाएगी। इस दौरान शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहेगा -
सीता नवमी मध्याह्न मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 08 मिनट से दोपहर 01 बजकर 21 मिनट तक
माता सीता पूजा विधि ( Sita Navami Puja vidhi)
सीता नवमी के दिन सुबह दिन पर सुबह जल्दी उठकर स्नान से निवृत हो जाएं और साफ-सुधरे वस्त्र धारण करें। इसके बाद मंदिर की साफ-सफाई करके एक चौकी बिछाकर उसपर लाल रंग का कपड़ा बिछा दें। अब चौकी पर भगवान श्रीराम और माता सीता की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें और भगवान श्री राम और सीता माता की मूर्ति को स्नान कराएं। सीता माता के समक्ष दीप जालएं और उन्हें श्रृंगार की चीजें अर्पित करें। इसके बाद माता सीता को फल-फूल, धूप-दीप, दूर्वा आदि अर्पित करें। अतं में भगवान राम और माता सीता की आरती करें।
अर्पित करें ये चीजें
सीता नवमी के शुभ अवसर पर माता को खीर का भोग जरूर लगाएं और पूजा के दौरान माता सीता को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें। इस दिन सुहागन महिलाओं को माता सीता की विधिनुसार पूजा करनी चाहिए और सोलह श्रृंगार जरूर अर्पित करने चाहिए। इससे दांपत्य जीवन खुशहाल बना रहता है।
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