Mahakumbh 2025: जानिए कब होगा महाकुंभ का आखिरी महास्नान

Update: 2025-02-12 05:06 GMT
Mahakumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी से हुई, जिसके बाद पहला शाही स्नान मकर संक्रांति के अवसर पर किया गया. इसके बाद बसंत पंचमी के दिन तीसरा शाही स्नान करने के बाद साधु-संत अपने-अपने अखड़ों के साथ वापस चले गए. महाकुंभ मेले का समापन 26 फरवरी महाशिवरात्रि को होगा. इसके बाद भी लोग त्रिवेणी संगम में स्नान करेंगे. इस साल माघ पूर्णिमा के बाद अब श्रद्धालु महाकुंभ का आखिरी स्नान कब कर पाएंगे और इस महास्नान की क्या खासियत हैं? इसके बारे में जानते हैं
कब होगा महाकुंभ का आखिरी महास्नान-
प्रयागराज में महाकुंभ मेले का समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन होगा और इसी दिन महाकुंभ आखिरी स्नान भी किया जाएगा. इस बार महाशिवरात्रि पर कुछ खास संयोग बन रहे हैं. ऐसे में महाशिवरात्रि पर स्नान का महत्व और अधिक बढ़ गया है|
हाशिवरात्रि पर त्रिवेणी संगम में स्नान का महत्व-
महाशिवरात्रि के अवसर पर सूर्य, चंद्रमा और शनि का विशेष त्रिग्रही योग बन रहा है. इस योग को समृद्धि और सफलता के प्रतीक माने जाते हैं. इसके अलावा इस दिन शिव योग और सिद्ध योग का संयोग बन रहा है. इसके अलावा महाशिवरात्रि पर अमृत सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दौरान किए गए कार्यों का व्रत का फल कई गुना अधिक मिलता है. वहीं इस दौरान त्रिवेणी संगम में स्नान करने से व्यक्ति को भगवान शिव की कृपा से शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
महाशिवरात्रि के दिन क्या करें-
महाशिवरात्रि के अवसर पर महाकुंभ में स्नान करने का खास महत्व है. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र संगम में स्नान करें. अगर संभव ना हो तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलकर स्नान करे. इसके बाद व्रत का संकल्प लें. इस दिन बालू या मिट्टी के शिवलिंग बनाकर गंगाजल से जलाभिषेक करें. पंचामृत चढ़ाएं. नदी में पितरों के नाम तर्पण करें, केसर युक्त खीर का भोग लगाएं. रात में घी का दीपक लगाकर 4 प्रहर की पूजा करें. सामर्थ के अनुसार, दान करें और रात्रि जागरण करे|
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