प्रदोष व्रत की पूजा, शाम को इस वक्त करें जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
हर महीने की त्रयोदशी प्रदोष व्रत रखा जाता है. यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हर महीने की त्रयोदशी प्रदोष व्रत रखा जाता है. यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है. इस बार यह व्रत 27 मई दिन शुक्रवार यानी आज रखा जा रहा है. ऐसे में आज शाम के समय प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करेंगे तो करोड़ों गुना फल प्राप्त होगा. बता दें कि प्रदोष काल में पूजा करने से न केवल भगवान शिव प्रसन्न होते हैं बल्कि माता पार्वती भी सौभाग्य का वर देते हैं. ऐसे में जानते हैं शुभ मुहूर्त के बारे में. आज का हमारा लेख इसी विषय पर है. आज हम आपको अपनी इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि प्रदोष काल का समय क्या है. साथ ही पूजा करने की विधि के बारे में भी जानेंगे. पढ़ते हैं
ज्येष्ठ माह प्रदोष व्रत – शुभ मुहूर्त
ज्येष्ठ, कृष्ण त्रयोदशी प्रारम्भ – मई 27 को 11:47 (सुबह)
ज्येष्ठ, कृष्ण त्रयोदशी समाप्त – मई 28 को 01:09 (शाम)
प्रदोष काल- 27 मई 2022 को शाम 07:12 PM से 09:14 (शाम)
शुक्र प्रदोष व्रत – 27 मई 2022, शुक्रवार.
प्रदोष व्रत की पूजा विधि
आज के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि करके भगवान सूर्य को जल अर्पण करें. साथ ही प्रदोष व्रत का संकल्प लें. उसके बाद साफ स्वच्छ कपड़े पहन कर अपने घर के पूजा स्थल पर घी का दिया जलाएं और भगवान शिव की आरती करें. प्रदोष व्रत की मुख्य पूजा प्रदोष काल में की जाती है. यानी शाम के समय की जाती है. ऐसे में आप शाम के समय भगवान शिव को धूप दिखाकर फल फूल आदि का भोग लगाएं और दक्षिणा अर्पण करें. उसके बाद आरती करें और प्रसाद वितरण करें. ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और आपको सुख सौभाग्य का वर्ड प्रदान करते हैं.