आज नाग पंचमी पर करें नाग देवता की पूजा, काल सर्प दोष से मिलेगी मुक्ति

हर साल सावन महीने के शुक्‍ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाई जाती है. यह तिथि आज शुक्रवार, 13 अगस्त है.

Update: 2021-08-13 01:30 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हर साल सावन महीने (Sawan Month) के शुक्‍ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाई जाती है. यह तिथि आज शुक्रवार, 13 अगस्त है. आज नाग पंचमी (Nag Panchami) के दिन नाग देवता की पूजा करने से कई लाभ होते हैं. नाग को भगवान शंकर ने अपने गले में धारण किया है, लिहाजा नाग पंचमी पर नाग देवता (Nag Devta) के साथ-साथ शिव जी की पूजा करें. इसके लिए मंदिर जाकर या घर पर भी पूजन की जा सकती है. हालांकि इस दिन कुछ बातों का ध्‍यान रखना बहुत जरूरी होता है वरना जातक को पुण्‍य मिलने की बजाय पाप लग सकता है और जिंदगी में कई संकट आ सकते हैं.

नाग पंचमी पर कभी भी न करें यह काम
नाग पंचमी के दिन नाग देवता के लिए व्रत रखा जाता है, उनकी पूजा की जाती है. आज के दिन काल सर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) और राहु-केतु (Rahu-Ketu) संबंधी दोषों का निवारण करना भी बहुत शुभ होता है. हालांकि इन चीजों को लेकर लोगों में कुछ भ्रम हैं, जिसके कारण पूजा में गलती करने से या इस दिन जीवित नाग (Real Snake) की पूजा करने से, उसे कष्‍ट देने से बहुत पाप लगता है. ऐसा करना जिंदगी में संकटों को बुलावा देना है.
- नाग पंचमी पर कभी भी जीवित सांप की पूजा न करें, बल्कि इस दिन नाग देवता की मूर्ति या फोटो की पूजा करें. मंदिर में जाकर भी पूजन कर सकते हैं.
- जीवित सांप को कभी भी दूध न पिलाएं, उनके लिए दूध जहर के समान हो सकता है. लिहाजा उनकी प्रतिमा का ही दूध से अभिषेक करें.
- ज्‍योतिष में इस बात का साफ तौर पर उल्‍लेख है कि नाग पंचमी के दिन काल सर्प दोष और राहु-केतु दोष का निवारण करने के लिए पूजा-पाठ करना, नाग की प्रतिमा का अभिषेक करना अच्‍छा होता है, लेकिन इसका संबंध जीवित सांप से बिल्‍कुल भी नहीं है. लिहाजा इन दोषों के निवारण के लिए जीवित सांप की पूजा न करें और ना ही सांप को कोई कष्‍ट पहुंचाएं, वरना जिंदगी में भारी संकट का सामना करना पड़ सकता है.
ऐसे करें नाग देवता की पूजा
घर पर चौकी पर नाग देवता की मूर्ति स्‍थापित करें. दूध से अभिषेक करें, उन्‍हें हल्‍दी जरूर लगाएं. कुमकुम-अक्षत लगाएं. धूप-दीप जलाकर पूजा करें. मिठाई का भोग लगाएं. साथ ही उन्‍हें नारियल अर्पित करें और उनका आशीर्वाद दें.


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