नई दिल्ली : सीता नवमी का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। ग्रंथों के अनुसार, देवी सीता का जन्म इसी शुभ दिन पर हुआ था। सीता नवमी को जानकी नवमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को भक्त बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाते हैं। यह हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल यह 16 मई, 2024 को मनाई जाएगी।
कब है सीता नवमी ?
हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 16 मई , 2024 दिन गुरुवार सुबह 6 बजकर 22 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 17 मई, 2024 दिन शुक्रवार सुबह 08 बजकर 48 मिनट पर इसका समापन होगा। पंचांग के अनुसार, 16 मई को सीता नवमी का पर्व मनाया जाएगा। इसके साथ ही सीता नवमी की पूजा 16 मई सुबह 11 बजकर 04 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 43 मिनट तक कर सकते हैं।
देवी सीता की पूजा विधि
सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें
एक वेदी पर लाल कपड़ा बिछाकर राम दरबार की प्रतिमा स्थापित करें।
पंचामृत, गंगाजल व पवित्र जल से अभिषेक करें।
कुमकुम और गोपी चंदन का तिलक लगाएं।
देसी घी का दीपक जलाएं।
पीले फूलों की माला चढ़ाएं।
मखाने की खीर, फल, मिठाई आदि का भोग लगाएं।
इस शुभ दिन पर रामायण का पाठ बेहद शुभ माना जाता है।
कुछ भक्त इस दिन भजन-कीर्तन का आयोजन भी करते हैं।
इसके अलावा लोग भगवान राम और देवी जानकी को समर्पित विभिन्न मंदिरों में दर्शन के लिए जाते हैं।