इस आरती सहित करें भगवान विष्णु की पूजा, होगी उत्तम फल की प्राप्ति

Update: 2023-08-03 07:13 GMT
हिंदू धर्म में सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा अर्चना को समर्पित किए गए हैं वही गुरुवार का दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा के लिए उत्तम माना जाता हैं। इस दिन भक्त भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करते हैं और उपवास आदि भी रखते हैं।
 माना जाता हैं कि समर्पित दिनों पर अगर देवी देवताओं की आराधना की जाए तो प्रभु शीघ्र प्रसन्न होकर फल देते हैं लेकिन किसी भी देवी देवता की व्रत पूजा बिना आरती के पूर्ण नहीं मानी जाती हैं ऐसे में अगर आप गुरुवार के दिन श्री हरि विष्णु की आराधना व भक्ति कर रहे हैं तो उनकी प्रिय आरती का पाठ जरूर करें, तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं भगवान विष्णु की संपूर्ण आरती।
 भगवान विष्णु की आरती—
ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
जो ध्यावे फल पावे,
दुःख बिनसे मन का,
स्वामी दुःख बिनसे मन का ।
सुख सम्पति घर आवे,
सुख सम्पति घर आवे,
कष्ट मिटे तन का ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
मात पिता तुम मेरे,
शरण गहूं किसकी,
स्वामी शरण गहूं मैं किसकी ।
तुम बिन और न दूजा,
तुम बिन और न दूजा,
आस करूं मैं जिसकी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
तुम पूरण परमात्मा,
तुम अन्तर्यामी,
स्वामी तुम अन्तर्यामी ।
पारब्रह्म परमेश्वर,
पारब्रह्म परमेश्वर,
तुम सब के स्वामी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
तुम करुणा के सागर,
तुम पालनकर्ता,
स्वामी तुम पालनकर्ता ।
मैं मूरख फलकामी,
मैं सेवक तुम स्वामी,
कृपा करो भर्ता॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
 
तुम हो एक अगोचर,
सबके प्राणपति,
स्वामी सबके प्राणपति ।
किस विधि मिलूं दयामय,
किस विधि मिलूं दयामय,
तुमको मैं कुमति ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
दीन-बन्धु दुःख-हर्ता,
ठाकुर तुम मेरे,
स्वामी रक्षक तुम मेरे ।
अपने हाथ उठाओ,
अपने शरण लगाओ,
द्वार पड़ा तेरे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
विषय-विकार मिटाओ,
पाप हरो देवा,
स्वमी पाप(कष्ट) हरो देवा ।
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
सन्तन की सेवा ॥
ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे ॥
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