Sawan Putrada Ekadashi पर संतान-सुख के लिए करें पूजा, भरेगी सूनी गोद

Update: 2024-08-16 05:54 GMT
Sawan Putrada Ekadashi ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार मनाएं जाते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन एकादशी व्रत को बहुत ही खास माना गया है जो कि हर माह में दो बार पड़ता है। पंचांग के अनुसार अभी सावन का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाली एकादशी को सावन पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जा रहा है जो कि बेहद खास होती है एकादशी की तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा अर्चना को समर्पित है
 इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने का विधान होता है मान्यता है कि एकादशी के दिन उपवास रखकर प्रभु की आराधना की जाए तो उत्तम फलों की प्राप्ति होती है इस सावन पुत्रदा एकादशी का व्रत आज यानी 16 अगस्त दिन शुक्रवार को किया जा रहा है एकादशी पर पूजा पाठ अगर विधिवत तरीके से किया जाए तो श्री हरि की कृपा प्राप्त होती है तो आइए जानते हैं पूजा विधि।
 सावन पुत्रदा एकादशी की पूजा विधि—
अपको बता दें कि आज के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करें साफ वस्त्रों को धारण करें फिर व्रत पूजन का संकल्प करें और भगवान कृष्ण की प्रतिमा को स्थापित करें। पंचामृत से अभिषेक करें और उन्हें हल्दी और गोपी चंदन का तिलक लगाएं। पुष्प, तुलसी पत्र, शमी के पत्ते आदि चीजें अर्पित करें। इसके बाद फल, मिठाई, घर पर बने भोग चढ़ाएं और विष्णु सहस्रनाम, श्री हरि स्तोत्रम और विष्णु चालीसा का पाठ भक्ति भाव से करें भगवान के वैदिक मंत्रों का भी जाप करें इसके बाद विष्णु जी की आरती से पूजा को समाप्त करें और सभी को प्रसाद बांटें। साथ ही पूजा में होनी भूल चूक के लिए भगवान से क्षमा जरूर मांगे।
 भगवान विष्णु के चमत्कारी मंत्र—
शांताकारम भुजङ्गशयनम पद्मनाभं सुरेशम।
विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम।
लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म।
वन्दे विष्णुम भवभयहरं सर्व लोकेकनाथम।
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