Sawan Putrada Ekadashi ज्योतिष न्यूज़: सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार मनाएं जाते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन एकादशी व्रत को बहुत ही खास माना गया है जो कि हर माह में दो बार पड़ता है। पंचांग के अनुसार अभी सावन का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाली एकादशी को सावन पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जा रहा है जो कि बेहद खास होती है एकादशी की तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा अर्चना को समर्पित है इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने का विधान होता है
मान्यता है कि एकादशी के दिन उपवास रखकर प्रभु की आराधना की जाए तो उत्तम फलों की प्राप्ति होती है इस साल सावन पुत्रदा एकादशी का व्रत आज यानी 16 अगस्त दिन शुक्रवार को किया जा रहा है इस दिन पूजा पाठ और व्रत के साथ ही कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है तभी व्रत पूजा का पूर्ण फल मिलता है साथ ही श्री हरि प्रसन्न होकर कृपा करते हैं और संकट दूर कर देते हैं तो आज हम आपको उन्हीं नियमों की जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
सावन पुत्रदा एकादशी से जुड़े नियम—
आज एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करके साफ वस्त्रों को धारण करें इसके बाद विधिवत भगवान विष्णु की पूजा करें एकादशी व्रत का पारण दूसरे दिन यानी द्वादशी तिथि पर करना लाभकारी होता है साथ ही जातक सात्विक आहार ही करें। अगर आपने एकादशी का व्रत किया है तो संकल्प जरूर करें। इसके अलावा इस दिन काले और सफेद रंग के वस्त्रों को धारण न करें एकादशी तिथि पर पीला वस्त्र धारण करना उत्तम माना जाता है।
एकादशी पर भूलकर भी कोई ऐसा काम न करें जिससे माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु नाराज़ हो। इस दिन चावल का सेवन करने से बचें। इसके अलावा एकादशी पर मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज आदि का सेवन न करें। वाद विवाद या फिर क्लेश आदि से दूर रहे। किसी को अपशब्द न कहें।