डायबिटीज पीड़ित महिलाओं में समय से पहले मेनोपॉज होने का खतरा, ऐसे करें ब्लड शुगर कंट्रोल

डायबिटीज बेहद गंभीर बीमारी है जिसके कारण शरीर में कई तरह की जटिलताएं आती हैं. वहीं मेनोपॉज महिलाओं में होने वाली एक सामान्य प्रक्रिया है जो अमूमन 45 साल से 50 साल की उम्र में होती है.

Update: 2022-11-11 06:08 GMT

 डायबिटीज बेहद गंभीर बीमारी है जिसके कारण शरीर में कई तरह की जटिलताएं आती हैं. वहीं मेनोपॉज महिलाओं में होने वाली एक सामान्य प्रक्रिया है जो अमूमन 45 साल से 50 साल की उम्र में होती है. मेनोपॉज में महिलाओं में होने वाले पीरियड्स बंद हो जाते हैं. मेनोपॉज के बाद कुछ महीनों तक महिलाओं के हार्मोन में बदलाव आता है जिस कारण कई तरह की दिक्कतों और हॉट फ्लैशेज का सामना करना पड़ता है. अब एक नए अध्ययन में कहा गया है कि जो महिलाएं डायबिटीज से पीड़ित हैं, उनमें मेनोपॉज समय से पहले आने का जोखिम ज्यादा रहता है. स्टडी में दावा किया गया है कि डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं में प्रीमेच्योर मेनोपॉज का रिस्क सामान्य महिलाओं की तुलना में कहीं ज्यादा है.

टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम ज्यादा

सिम्स एंडोक्राइनोलॉजी की वेबसाइटपर अध्ययन के बारे में बताया गया है कि यह स्टडी कनाडा में 45 साल से 85 साल की महिलाओं के स्वास्थ्य आंकड़ों से जुटाए गए विश्लेषण के आधार पर किया गया है. इस अध्ययन में 11,436 प्रजनन उम्र की महिलाओं को शामिल किया जिसमें उनकी हेल्थ से संबंधित आंकड़ों का विश्लेषण किया गया. अध्ययन में पाया गया कि मध्यम आयु वर्ग की महिलाएं जो डायबिटीज का इलाज करा रही थीं, उनमें से अधिकांश में प्रीमेच्योर मेनोपॉज हो गया. इन महिलाओं को टाइप 1 डायबिटीज हुआ. वहीं जिन महिलाओं को 40 साल की उम्र के बाद डायबिटीज हुआ उनमें टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम सबसे ज्यादा बढ़ गया. हालांकि अध्ययन में जेशटेशनल डायबिटीज का अर्ली मेनोपॉज के साथ कोई संबंध नहीं था.

ऐसे करें ब्लड शुगर कंट्रोल

डायबिटीज न हो, इसके लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाई जानी चाहिए. इसके लिए नियमित तौर पर एक्सरसाइज करें, रोजाना वॉक करें और खान-पान को स्वस्थ बनाएं. इसके अलावा हर हाल में वजन को बढ़ने न दें. जितना हो सके हरी साग-सब्जी का सेवन करें, साबुत अनाज, जालें, मौसमी सब्जी, फल, दूध, दही आदि को आहार में शामिल करें. अंकुरित अनाज को आहार में जरूर शामिल करें. सेब, नाशपाती जैसे फलों को सेवन बिना छिलका उतारें करें, छिलका को चबाकर फेंके नहीं बल्कि खा जाएं. जंक फूड, पिज्जा, बर्गर, प्रोसेस्ड फूड, रेड मीट इत्यादि का सेवन न करें. पर्याप्त पानी पीएं और पर्याप्त नींद लें.


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