सावन के इस पवित्र महीने में लोग व्रत-उपवास करते हैं, खासतौर से सावन के सोमवार का महत्व बहुत माना जाता हैं। सुहागन स्त्रियां पति की लंबी उम्र व सुखी वैवाहिक जीवन एवं कुंवारी लड़कियां मनचाहे वर की मनोकामना पूर्ती के लिए व्रत रखती हैं। लेकिन इस दौरान जरूरी हैं कि इसके पूर्ण नियमों का पालन किया जाए अन्यथा इस व्रत का फल नहीं मिल पाता हैं। तो आइये जानते हैं उन काम के बारे में जो सावन के महीने में महिलाओं को नहीं करने चाहिए।
- भले ही हल्दी पूजा आदि कार्यों के लिए शुभ माना जाता हो लेकिन भगवान शिव को हल्दी लगाना अशुभ माना जाता है। पूजा में शिव भगवान को भांग, धतूरा, बेलपत्र, सफेद फूल, शहद, फल आदि चढ़ाएं।
- सिर्फ व्रत ही नहीं बल्कि घर की महिलाओं को कभी भी गुस्सा नहीं करना चाहिए। वहीं महिलाओं को अपनी वाणी पर भी कंट्रोल रखना चाहिए। इससे परिवार में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है।
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शिवलिंग को छूने से माता पार्वती नाराज हो जाती हैं इसलिए महिलाओं को शिवलिंग को हाथ लगाने की मनाही होती है। मगर, ऐसा नहीं है कि महिलाएं शिवलिंग की पूजा नहीं कर सकती।
- शास्त्रों के अनुसार, महिलाओं को बाल खुले नहीं छोड़ने चाहिए। इससे परिवार में कलह-कलेश और नाकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है। शास्त्रों में भी जिक्र है कि विवाह के दौरान माता सीता की मां ने उन्हें हमेशा बाल बांधे रखने के लिए कहा था। बंधे हुए बाल रिश्तों को भी बांधकर रखते हैं।
- पौराणिक कथाओं के मुताबिक, सावन महीने में भगवान शिव धरती पर रहते हैं इसलिए इस दौरान घर में गंदगी नहीं रखना चाहिए। गंदगी देखकर भगवान शिव आपके घर में प्रवेश नहीं करेंगे।
- व्रत रखकर दिन के समय सोना नहीं चाहिए क्योंकि यह भगवान शिव का अपमान माना जाता है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप दिन के समय ना सोएं और सुबह-शाम भगवान की अराधना करें।
- व्रत रखकर महिलाओं को बाल व नाखून नहीं काटने चाहिए। साथ ही पुरुष भी दाढ़ी ना बनाएं। यह अशुभ माना जाता है और इससे घर में दरिद्रता आती है।
- माना जाता है कि महिलाओं के लिए मासिक धर्म के 7 दिन तक पूजना नहीं करनी चाहिए।