आचार्य चाणक्य ने किन 7 बातों से किया दुनिया को सावधान, पास आने पर बढ़ेगी सिर्फ परेशानियां
ऑचार्य चाणक्य ने तमाम नीतियों का उल्लेख किया है.आचार्य चाणक्य ने अपने ग्रंथ नीति शास्त्र में कई तरह की ऐसी बातें पेश की हैं, जो आज के वक्त में भी प्रासंगिक हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ऑचार्य चाणक्य ने तमाम नीतियों का उल्लेख किया है.आचार्य चाणक्य ने अपने ग्रंथ नीति शास्त्र में कई तरह की ऐसी बातें पेश की हैं, जो आज के वक्त में भी प्रासंगिक हैं. चाणक्य की नीतियों में जिन बातों का उल्लेख किया गया है, उनका कोई तोड़ नहीं है. आचार्य चाणक्य की दूरदर्शिता आज के वक्त में सही साबित होती दिख रही है. चाणक्य ने राजनीति से लेकर निजी जीवन तक के बारे में अचूक बातों का उल्लेख नीति मे किया है.
बता दें कि चाणक्य नीति में उन्होंने ऐसी 7 बातें बताईं हैं जिसके पास आने मात्र से इंसान को दुख और परेशानी मिलती है. वो सात चीजें हैं पैसा, भोग-विलास, स्त्री, राजा, काल, याचक और दुष्ट लोग. चाणक्य के अनुसार स्त्री, राजा, याचक और दुष्ट लोगों से हमेशा संभलकर रहना चाहिए.इनसे व्यवहार भी सोच समझकर करना चाहिए वरना परेशानी झेलनी पड़ सकती है .
इन 7 चीजों से बचने के बारें में चाणक्य नीति के 16 वें अध्याय के चौथे श्लोक में वर्णन है. श्लोक है…
कोऽर्थान्प्राप्य न गर्वितो विषयिणः कस्यापदोऽस्तं गताः
स्त्रीभिः कस्य न खण्डितं भुवि मनः को नाम राजप्रियः ।
कः कालस्य न गोचरत्वमगमत् कोऽर्थी गतो गौरवं
को वा दुर्जनदुर्गमेषु पतितः क्षेमेण यातः पथि ॥
पैसा
इस श्लोक में कहा गया है कि पैसो के मिलने से इंसान के अंदर घमंड का जन्म होता है. ऐसा कोई इंसान इस धरती पर नहीं है जिसकी बुद्धि पैसा पाकर न बदलती हो.
भोग-विलास
इंसान भोग और विलास के चक्कर में खूब फंसता है, जो भी इसमें पड़ा रहता हो और जिसे खुद पर कंट्रोल नहीं रहता वो हमेशा मानसिक और शारीरिक तौर से दुखी ही रहता है.
स्त्री
स्त्रियों के कारण से इंसान को जीवन में कभी ना कभी दुख और परेशानी का सामना करना ही पड़ता है, चाहें वह प्रेम के कारण हो या फिर किसी और कारण से.
राजा
अच्छा और समझदार राजा जो न्यायप्रिय हो उसकी कृपा कभी किसी एक इंसान पर नहीं हो सकती है. ऐसा राजा सबके लिए मन में समान भाव ही रखता है और गलत होने पर अपने प्रिय को भी दंड देने से पीछे नहीं हटता है
काल
चाणक्य कहते हैं हर इंसान की मृत्यु सुनिश्चित है, जीवन की असलियत मृत्यु ही है. इसलिए काल की दृष्टि से आज तक कोई नहीं बचा है.
याचक
मांगने की आदत की वजह से सम्मान नहीं मिलताा. चीजें या पैसा मांगना जिस इंसान की आदत हो ऐसे लोगों को कभी सम्मान नहीं मिलता.
दुष्ट लोग
जिन लोगों की गंदी आदत होती है वह कभी नहीं बदलती. एक बार जो लोग दुष्ट और गलत लोगों की संगत में पड़ जाते हैं वो फिर से अच्छे इंसान नहीं बन पाते और कोई बन भी जाए तो जीवन में फिर कोई न कोई गलत काम कर ही बैठता है.