क्यों मृत्यु के बाद सुना जाता है गरुड़ पुराण, जानें इसका कारण

गरुड़ पुराण को सनातन धर्म में महापुराण माना गया है.

Update: 2021-06-21 06:57 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | गरुड़ पुराण को सनातन धर्म में महापुराण माना गया है. इसमें भगवान विष्णु और गरुड़ की वार्तालाप के जरिए जीवन, मृत्यु और मृत्यु के बाद की तमाम स्थितियों का वर्णन किया गया है. इसमें भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ श्रीनारायण भगवान से प्राणियों की मृत्यु, यमलोक यात्रा, नर्क-योनियों और सद्गति को लेकर तमाम प्रश्न पूछते हैं और नारायण विस्तार से उन सब प्रश्नों के उत्तर देते हैं. इन प्रश्न और उत्तरों की क्रमबद्ध श्रंखला के जरिए गरुड़ पुराण में मानव जीवन को बेहतर बनाने के लिए तमाम नियम, जाप, सदाचार, यज्ञ, तप के बारे अनेक गूढ़ रहस्यों को उजागर किया गया है. साथ ही मृत्यु के बाद अगला शरीर मिलने की अवधि आदि का जिक्र है. आमतौर पर सनातन धर्म में किसी व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात घर में गरुड़ पुराण का पाठ कराया जाता है. यहां जानिए ऐसा क्यों होता है !

1. शास्त्रों में बताया गया है कि मरने के बाद कुछ आत्माओं को दूसरा शरीर तुरंत मिल जाता है, कुछ आत्माओं को तीन दिन और कुछ को शरीर मिलने में 10 से 13 दिन लगते हैं. वहीं अगर अकाल मृत्यु हुई हो या मोह गहरा हो तो दूसरा जन्म मिलने में एक साल का समय भी लग जाता है. लेकिन गरुड़ पुराण में बताया गया है कि ​मृत्यु के बाद 13 दिनों तक मृतक की आत्मा अपनों के बीच ही रहती है. इस दौरान अगर उसे गरुड़ पुराण सुनाया जाए तो उसे सद्गति प्राप्त होती है.
2. मृत्यु के ​बाद गरुड़ पुराण सुनकर मृतक के परिजन भी ये समझ लेते हैं कि जीवन में कौन से कर्म सही और कौन से गलत हैं. किन कर्मों को करने से मृत्यु के पश्चात सद्गति प्राप्त होती है. इस तरह गरुड़ पुराण लोगों का मार्गदर्शन करता है.
3. कहा जाता है कि गरुड़ पुराण सुनने के बाद मृतक की आत्मा को शांति मिलती है और उसे प्रेत बनकर भटकना नहीं पड़ता. अपने सारे दुख और मोह को भूलकर आत्मा आसानी से प्रभु मार्ग पर चलने के लिए अग्रसर हो जाती है और उसे या तो पितरलोक में भेजा जाता है या दोबारा मनुष्य योनि में जन्म मिल जाता है.
4. गरुड़ पुराण में कुल 19 हजार श्लोक हैं, जिनमें से 7 हजार श्लोक में ज्ञान, धर्म, नीति, रहस्य, व्यावहारिक जीवन, आत्म, स्वर्ग, नर्क और अन्य लोकों का जिक्र किया गया है. लौकिक और परलौकिक स्थितियों का वर्णन किया गया है. इन बातों को जानकर सामान्य लोगों को अपना आचरण सुधारने में मदद मिलती है. इस तरह गरुड़ पुराण लोगों को धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)


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