जनता से रिश्ता वेबडेस्क | बचपन में माँ यशोदा ने उन्हें काले रंग के कपड़े से लपेटा था ताकि सुंदर बच्चे को कोई बुरी नज़र न लगे। एक बार श्याम सुन्दर को नजर लग गई । अब मैया बहुत परेशान कि ये नजर कैसे दूर हो। बहुत उपाय किया पर लाला की नजर ना उतरी । तो नंदगांव की पूर्णमासी पुरोहतानी ने कहा अगर बरसाने की राधा का पुराना कपडा इसे पहना दिया जाए तो तेरे लाला को नजर नही लगेगी । मैया चल पडी बरसाना । ये नही सोचा कि सर्दी का मौसम है सुबह जाऊंगी ना -ना लाला को नजर ना लगे वो काम तो पहले करना है ।
बरसाने पहुंचकर राधे रानी की मां कीर्ति जी से यशोदा मैया बोली ” मेरे लाला को नजर बहुत लगे है । पूर्णमासी पुरोहताईन ने कहा है कि अगर आपकी लाली का कोई पुराना कपडा मिल जाए तो मेरे लालाको नजर नही लगेगी “। यशोदा मैया की बात सुनकर कीर्ति जी बोली -“हाय -हाय ये आप क्या कह रही है, नंद बाबा हमारे राजा है । हम अपनी बेटी का पुराना कपडा आपको कैसे दें?” भीतर खडी राधा रानी सब सुन रही थी । वो बाहर आकर बोली श्याम सुन्दर को नजर ना लगे उसके लिए मै पुराना कपडा तो क्या अपने प्राण भी दे सकती हूं और सर्दी के कारण राधा रानी ने जो काली कमली ओढ रखी थी वही उतारकर यशोदा मैया को दे दी। तब से हमारा कन्हैया काली कमली ओढ कर रखता है । उसे नजर लगती है वो बात नही है…. राधा रानी की प्रसादी काली कमली कभी अपने से अलग नही करते l
राधे राधे
जय काली कमली वाले की