धर्म अध्यात्म: देवों के देव महादेव को आपने हमेशा ध्यान में बैठे देखा होगा. लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि वो स्वयं किसका ध्यान करते हैं. भगवान शिव का आराध्य कौन है. कहते हैं इस सृष्टि का आरंभ भी उन्हीं से हुआ है और अंत भी उन्हीं से होगा और उसे बाद भी भगवान शिव ही इस ब्रह्माण में रहेंगे. तो ऐसे में जब त्रिदेवों में भगवान शिव ही सबसे परम हैं तो वो भला किसकी पूजा करते हैं ये ऐसा सवाल है जिसके बारे में अगर आपने अब तक नहीं सोचा तो अब जरुर इसका जवाब जानना चाहेंगे.
पद्मपुराण और शिव पुराण में भगवान शिव से जुड़ी हर बात के बारे में विस्तार में वर्णन पढ़ने को मिलता है. एक कथा के अनुसार जब माता गौरी ने भगवान शिव से सवाल पूछा कि हे देव आप तो सबके आराध्यन हैं, देवों के देव हैं फिर आप जब ध्यान मुद्रा में बैठते हैं तो किस प्रभु का ध्यान करते हैं. आपका आराध्य कौन है. तब भगवान शिव ने माता पार्वती से कहा कि इसका जवाब तुम्हें जल्द मिल जाएगा.
भगवान शिव अजर हैं अमर हैं, शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव द्वारा श्रीराम का ध्यान लगाने की बात कही गई है. कहते हैं भगवान शिव ने कौशिक ऋषि के सपने में आकर उन्हें राम रक्षा स्त्रोत लिखने का आदेश दिया था लेकिन इसी सपने में उन्होंने शिव से प्रार्थना करते हुए कहा था कि वो इस स्त्रोत को लिखने में सक्षम नहीं हैं. जिसके बाद भगवान शिव ने उन्हें विद्या और ज्ञान की ऐसी शक्ति प्रदान की जिसके बाद उन्होंने राम रक्षा स्त्रोत लिखा.
जब कौशिक ऋषि ने राम रक्षा स्तोत्र की रचना कर भगवान शिव को उसे भेंट किया तब उन्होंने माता पार्वती को ये पढ़कर सुनाया. जिसमें लिखा था कि वो विष्णु के अवतार भगवान राम का ही ध्यान करते हैं. कहते हैं राम नाम का एक बार जाप करना भगवान विष्णु के हज़ारों नाम के जाप करने के बराबर होता है.
तो आप अगर शिव भक्त हैं और आपने भगवान शिव को हमेशा ध्यान मुद्रा में देखा है तो आप अब उन्हें देखकर ये बता सकते हैं कि वो राम नाम का जाप कर रहे हैं.